नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश की राजनीति ‘सेक्युलराइटिस’ (धर्मनिरपेक्षता) से पीड़ित है। उन्होंने यहां कहा, ‘‘भारतीय राजनीति में सेक्युलराइटिस की बीमारी फैली हुई है। इंसेफलाइटिस की तरह सेक्युलराइटिस भी अत्यंत खतरनाक है।’’
राजनाथ ने यह टिप्पणी इसलिए की है क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठना जारी है। मोदी पार्टी की चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष हैं और अगले आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं। मोदी पर 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों में संलिप्तत रहने का आरोप लगाया जाता रहा है।
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव शकील अहमद पर भी निशाना साधा। अहमद ने 21 जुलाई को कहा था कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का गठन 2002 के गुजरात दंगों के बाद हुआ था। राजनानाथ ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का गठन गुजरात दंगों के बाद हुआ, मैं कांग्रेस के इस नेता (अहमद) से पूछना चाहता हूं कि क्या उनके पास आईएम की जन्मपत्री है। जिन लोगों को आईएम के बारे में ब्योरा चाहिए वे कांग्रेस मुख्यालय जाएं और इस नेता से मुलाकात करें।’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जैसे कि स्वतंत्र भारत में 2002 से से पहले कोई दंगा ही नहीं हुआ था।’’
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Wednesday, 31 July 2013
Monday, 29 July 2013
मोदी विरोधी चिट्ठी में हस्ताक्षर असली
वाशिंगटन। भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष व गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा को
भारतीय सांसदों के पत्र भेजने के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। दस्तावेजों
की असलियत की जांच करने वाले कैलिफोर्निया के फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षक
से प्रमाणित कर दिया है कि पत्रों पर सांसदों के हस्ताक्षर असली हैं और
जैसा दावा किया गया था कि हस्ताक्षर के साथ कट पेस्ट करके जालसाजी की गई
है, वैसा नहीं है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फोरेंसिक जांच के तरीकों और स्वीकार्य सिद्धांतों का इस्तेमाल करते हुए मेरी राय यह है कि राज्यसभा के सदस्यों का तीन पृष्ठों का पत्र एक ही बार में तैयार हुआ है और उस पर गिली स्याही से जो हस्ताक्षर हैं वे असली और प्रामाणिक हैं। लोकसभा के सदस्यों के पत्र के मामले में भी यही कहा गया है।
राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की ओर से क्रमश: गत 26 नवंबर और पांच दिसबंर को ये पत्र भेजे गए थे। ये पत्र ही इस साल 21 जुलाई को ह्वाइट हाउस फिर फैक्स के जरिये भेजे गए। इसकी हस्तलिपि की फोरेंसिक जांच नानेटे एम बार्टो ने कैलिफोर्निया में की। यह जांच मोदी के खिलाफ मुहिम चलाने वाले संगठन 'कोएलिशन अगेंस्ट जेनोसाइड' की आग्रह पर तब की गई जब कुछ भारतीय सांसदों (जिनमें माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के एमपी अच्युतन और द्रमुक के केपी रामालिंगम भी थे) ने ओबामा को भेजे पत्र पर अपना हस्ताक्षर होने से इन्कार किया। सीएजी में अमेरिका के करीब 40 भारतीय अमेरिकी संगठन शामिल हैं।
यह संगठन मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के लिए अभियान चला रहा है। जब इस फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट पर सांसद अच्युतन की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हे याद नहीं है कि उन्होंने इस तरह के किसी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
रामालिंगम ने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है और यह राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को दिया जाएगा। मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैंने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया। येचुरी ने कहा था कि उनके हस्ताक्षर को कट पेस्ट किया है, उनकी इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया हासिल नहीं हो सकी।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फोरेंसिक जांच के तरीकों और स्वीकार्य सिद्धांतों का इस्तेमाल करते हुए मेरी राय यह है कि राज्यसभा के सदस्यों का तीन पृष्ठों का पत्र एक ही बार में तैयार हुआ है और उस पर गिली स्याही से जो हस्ताक्षर हैं वे असली और प्रामाणिक हैं। लोकसभा के सदस्यों के पत्र के मामले में भी यही कहा गया है।
राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की ओर से क्रमश: गत 26 नवंबर और पांच दिसबंर को ये पत्र भेजे गए थे। ये पत्र ही इस साल 21 जुलाई को ह्वाइट हाउस फिर फैक्स के जरिये भेजे गए। इसकी हस्तलिपि की फोरेंसिक जांच नानेटे एम बार्टो ने कैलिफोर्निया में की। यह जांच मोदी के खिलाफ मुहिम चलाने वाले संगठन 'कोएलिशन अगेंस्ट जेनोसाइड' की आग्रह पर तब की गई जब कुछ भारतीय सांसदों (जिनमें माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के एमपी अच्युतन और द्रमुक के केपी रामालिंगम भी थे) ने ओबामा को भेजे पत्र पर अपना हस्ताक्षर होने से इन्कार किया। सीएजी में अमेरिका के करीब 40 भारतीय अमेरिकी संगठन शामिल हैं।
यह संगठन मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के लिए अभियान चला रहा है। जब इस फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट पर सांसद अच्युतन की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हे याद नहीं है कि उन्होंने इस तरह के किसी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
रामालिंगम ने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है और यह राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को दिया जाएगा। मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैंने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया। येचुरी ने कहा था कि उनके हस्ताक्षर को कट पेस्ट किया है, उनकी इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया हासिल नहीं हो सकी।
Saturday, 27 July 2013
अभी चुनाव हुए तो NDA सबसे बड़ा गठबंधन: सर्वे
नई दिल्ली।। यदि देश में आम चुनाव अभी होते हैं तो किसी भी पार्टी या
गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। जनादेश हंग पार्ल्यामेंट के पक्ष में
होगा। कांग्रेस नेतृत्व वाला यूपीए गठबंधन (यूनाइडेट प्रोग्रेसिव अलायंस)
और बीजेपी नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन(नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस) साधारण
बहुमत से पीछे रह जाएंगे। 172-180 से सीटें हासिल कर एनडीए सबसे बड़े
गठबंधन के रूप में उभरेगा। हालांकि, मनमोहन सरकार पर लगे करप्शन के तमाम
आरोपों के बावजूद बीजेपी के पक्ष में कोई बड़ी लहर नहीं दिख रही है। करीब
200 सीटों पर उन पार्टियों का कब्जा होगा जो न तो यूपीए में और न ही एनडीए
में। पीएम के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की पहली
पसंद हैं। 19 फीसदी लोग मोदी को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं, 12
फीसदी लोगों की पसंद के साथ राहुल गांधी पीएम के रूप में लोगों की दूसरी
पसंद हैं। सीएसडीएस-द दिन्दू और सीएनएनआईबीएन के ओपिनियन पोल से हंग
पार्ल्यामेंट की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। कांग्रेस को भारी नुकसान
होने वाला है। हालांकि, कांग्रेस के नुकसान का फायदा बीजेपी को पूरी तरह से
नहीं मिल रहा है। दोनों गठबंधन यूपीए और एनडीए का वोट शेयर 29 पर्सेंट
रहेगा। लेकिन, सीटों पर कब्जे के मामले में एनडीए आगे रहेगा। एनडीए को 172
से 180 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है, वहीं यूपीए 149-153 पर सिमट जाएगा।
जहां तक सिंगल पार्टी की बात है बीजेपी 2009 के मुकाबले फायदे में रहेगी।
अभी चुनाव हुए तो बीजेपी को 156-164 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है, वहीं
कांग्रेस को महज 131 से 139 सीटों पर संतोष करना होगा। अगर अभी चुनाव हों
तो किसको मिलेंगी कितनी सीटें:- एनडीए: 172-180 यूपीए: 149-157 लेफ्ट:
22-88 टीमसी: 23-27 एसपी: 17-21 बीएसपी: 15-19 एडीएमके: 16-20 जेडीयू:
15-19 बीजेडी: 12-16 वाईएसआर कांग्रेस: 11-15 आरजेडी: 8-12 अन्य : बाकी बची
सीटें
Wednesday, 24 July 2013
ओबामा को भेजे मोदी विरोधी खत में सांसदों के फर्जी दस्तखत?
वॉशिंगटन/नई दिल्ली।। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी वीजा की वकालत कर रहे बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की कोशिशों को झटका लग सकता है। राजनाथ सिंह अभी अमेरिका में हैं और वह ओबामा प्रशासन से नरेंद्र मोदी को वीजा देने की बार-बार अपील कर रहे हैं। राजनाथ की इन कोशिशों के बीच संसद के 65 सदस्यों ने प्रेजिडेंट बराक ओबामा को चिट्ठी लिखकर अमेरिकी प्रशासन से अपील की है कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखे। हालांकि, सांसदों की चिट्ठी पर विवाद खड़ा हो गया है। चिट्ठी में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और सीपीआई के एम. पी. अच्युतन के नाम शामिल हैं, जबकि दोनों ने इसे फर्जी बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने इस तरह की किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
12 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वाले सांसदों की ओर से ओबामा को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम सम्मानपूर्वक आपसे अपील करते हैं कि मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखा जाए। ऐसे ही एक पत्र पर राज्यसभा के 25 सदस्यों तथा एक अन्य पत्र पर लोकसभा के 40 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ये पत्र 26 नवंबर और 5 दिसंबर 2012 को लिखे गए थे, जिन्हें रविवार को वाइट हाउस को फिर से फैक्स किया गया है।
राजनाथ सिंह के अमेरिकी सांसदों, थिंक टैंक और अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात के लिए वॉशिंगटन पहुंचने के साथ ही इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं। राजनाथ यहां अमेरिकियों से मोदी के लिए वीजा पर लगे बैन को हटवाने की अपील करने वाले हैं।
इस अभियान की कमान संभालने वाले राज्यसभा के निर्दलीय सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि मोदी को वीजा देने से रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन पत्रों को पहली बार सार्वजनिक किया गया है।
राजनाथ सिंह ने रविवार को न्यू यॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह अमेरिकी सांसदों से अपील करेंगे कि वे 2002 के दंगों के बाद मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को हटवाने के लिए अमेरिकी प्रशासन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। गौरतलब है कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मानवाधिकारों के हनन के आधार पर वीजा पर बैन लगाया गया था।
इन चिट्ठियों पर हस्ताक्षर करने वालों में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और सीपीआई सांसद एम. पी. अच्युतन का भी नाम है। दोनों राज्यसभा के सदस्य हैं। संपर्क करने पर येचुरी ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कट पेस्ट का मामला लगता है।
येचुरी ने कहा कि मैं अमेरिकी प्रशासन को पत्र लिखने वाला और इस प्रकार का कदम उठाने वाला अंतिम व्यक्ति होऊंगा। हम नहीं चाहते कि कोई देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करे। ये ऐसे मसले हैं जिनका समाधान भारतीय राजनीति के तहत किया जाना चाहिए। अच्युतन ने भी ऐसा कोई पत्र लिखे जाने से इनकार किया।
हालांकि, अदीब ने जोर देकर कहा कि येचुरी और अच्युतन ने पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और उन्हें हैरानी है कि वे अब पीछे हट रहे हैं। ओबामा को लिखे पत्र में कहा गया है कि मोदी प्रशासन के कई सीनियर अधिकारियों समेत अपराधियों के खिलाफ कानूनी मामले अभी भी लंबित हैं और इस समय बैन को हटाने से इसे 2002 के नरसंहार में मोदी की भूमिका से जुड़े मुद्दों को खारिज किए जाने के रूप में देखा जाएगा।
Monday, 22 July 2013
दो महीने बाद ही संजय दत्त आ गए जेल से बाहर!
पुणे। यहां की यरवदा जेल में लगभग दो महीने से कैद बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त शनिवार को पहली बार बाहर निकले। स्वास्थ्य जांच के लिए उन्हें एक अस्पताल ले जाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दत्त को कड़ी सुरक्षा में सैसून अस्पताल ले जाया गया जहां चार चिकित्सकों की टीम ने उनके समूचे शरीर की सामान्य जांच की।
अनधिकारिक खबरों में दावा किया गया है कि दत्त की तबीयत नासाज रहती थी, मगर अभिनेता की तीन घंटे चली स्वास्थ्य जांच के बारे में जेल के अधिकारी और अस्पताल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। दत्त को स्वास्थ्य जांच के बाद वापस जेल ले जाया गया।
वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में दोषी करार दिए गए संजय दत्त ने मुंबई की एक विशेष अदालत में 16 मई को आत्मसमर्पण किया था। 22 मई को उन्हें मुंबई के आर्थर रोड केंद्रीय कारावास में ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें पुणे के यरवदा केंद्रीय कारावास भेज दिया गया। यहां दो महीने से अधिक समय से कैद अभिनेता को पहली बार कुछ घंटों के लिए बाहर निकलने का मौका मिला।
विशेष टाडा अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान दत्त ने घर का बना खाना, दवाएं एवं अन्य सुविधाओं की मांग की थी। उनकी मांगें एक महीने के लिए मान ली गई थी।
यरवदा जेल के अधिकारियों ने हालांकि जेल के नियम-कायदे का हवाला देते हुए उन्हें प्रदत्त सुविधाओं पर आपत्ति उठाई। इसके बाद से संजय दत्त आम कैदी की तरह दिन काट रहे हैं।
सुरक्षा कारणों से सिने स्टार को जेल की कोठरी में ही रहकर कागज के थैले बनाने का काम सौंपा गया है। इस काम के लिए उन्हें 25 रुपये रोजाना दिहाड़ी मिल रही है।
अनधिकारिक खबरों में दावा किया गया है कि दत्त की तबीयत नासाज रहती थी, मगर अभिनेता की तीन घंटे चली स्वास्थ्य जांच के बारे में जेल के अधिकारी और अस्पताल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। दत्त को स्वास्थ्य जांच के बाद वापस जेल ले जाया गया।
वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में दोषी करार दिए गए संजय दत्त ने मुंबई की एक विशेष अदालत में 16 मई को आत्मसमर्पण किया था। 22 मई को उन्हें मुंबई के आर्थर रोड केंद्रीय कारावास में ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें पुणे के यरवदा केंद्रीय कारावास भेज दिया गया। यहां दो महीने से अधिक समय से कैद अभिनेता को पहली बार कुछ घंटों के लिए बाहर निकलने का मौका मिला।
विशेष टाडा अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान दत्त ने घर का बना खाना, दवाएं एवं अन्य सुविधाओं की मांग की थी। उनकी मांगें एक महीने के लिए मान ली गई थी।
यरवदा जेल के अधिकारियों ने हालांकि जेल के नियम-कायदे का हवाला देते हुए उन्हें प्रदत्त सुविधाओं पर आपत्ति उठाई। इसके बाद से संजय दत्त आम कैदी की तरह दिन काट रहे हैं।
सुरक्षा कारणों से सिने स्टार को जेल की कोठरी में ही रहकर कागज के थैले बनाने का काम सौंपा गया है। इस काम के लिए उन्हें 25 रुपये रोजाना दिहाड़ी मिल रही है।
Friday, 12 July 2013
जेल जाने से डरे लालू!
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lalu prasad yadav |
चारा घोटाले में बुरी तरह से फंसे लालू प्रसाद यादव पर गिरफ्तारी की तलवार
लटक रही है लेकिन लालू की राजनीति की खूबी यही है कि वह सबसे बुरे दौर को
भी अपने फायदे के लिए भुनाने की कला में माहिर हैं। खतरे को भांपते हुए
लालू ने प्लान ‘बी’ तैयार कर लिया है जिसके मुताबिक उन्होंने पार्टी की
कमान रघुवंश प्रसाद सिंह को सौंपने की योजना बनाई है। 23 जुलाई को सुप्रीम
कोर्ट लालू की याचिका पर अगली सुनवाई करेगा। प्लान के मुताबिक लालू ने अपने
कार्यकत्र्ताओं और समर्थकों से पूरे बिहार में वैसा ही माहौल बनाने का
इशारा किया, जैसा माहौल 1997 में चारा घोटाले के सिलसिले में उनकी
गिरफ्तारी के बाद राज्य में बना था।
लालू ने 5 जुलाई को राजद के स्थापना दिवस के मौके पर अपने कार्यकत्र्ताओं
से कहा, ‘‘मुझे याद है कि जब मैं जेल जा रहा था तो लोग किस तरह रो रहे थे।
बुरे दौर में पार्टी में कितनी एकता थी।’’ लालू ने यह बात झारखंड हाईकोर्ट
के उस फैसले के बाद कही थी जिसमें हाईकोर्ट ने लालू की उस याचिका को खारिज
कर दिया था जिसमें सी.बी.आई. कोर्ट के विशेष जज को हटाने की मांग की गई थी।
पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक लालू राजद की बागडोर अपनी पत्नी की
जगह परिवार के बाहर के किसी आदमी को सौंपेंगे। लालू ने तय कर लिया है कि
अगर उन्हें चारा घोटाले में जेल जाना पड़ा तो उनकी जगह पार्टी का कामकाज
बतौर कार्यकारी अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह देखेंगे।
Thursday, 11 July 2013
मेट्रो में रोमांस करने वाले जोड़ों को खोजने में जुटी पुलिस, होगा केस
दिल्ली मेट्रो में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से बने अश्लील एमएमएस का मामला
तूल पकड़ने लगा है। डीएमआरसी उन जोड़ों के खिलाफ केस करेगी जिन्हें
सीसीटीवी फुटेज में रोमांस करते देखा गया है। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ भी
कार्रवाई की जाएगी। मेट्रो की जांच समिति फुटेज में दिख रहे जोड़ों का पता
लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज में से चेहरा तलाशने में जुटी है। समिति ने
जोड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस से बातचीत भी कर ली है।
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक जोड़ों की तलाश के लिए पुलिस की मदद भी ली जा
रही है। पकड़े जाने पर इनके खिलाफ सार्वजनिक स्थान या वाहन में अश्लील
हरकत करने के आरोप में मामला दर्ज कराया जाएगा।
महिला आयोग ने सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज की एमएमएस क्लिप बनाए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग ने डीएमआरसी से दो हफ्ते के भीतर जवाब भी मांगा है। डीएमआरसी ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से लीक की गई पोर्न क्लिप मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंप दी है। इसके अलावा अपने स्तर पर भी सघन जांच कराने के आदेश दिए हैं।
महिला आयोग ने सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज की एमएमएस क्लिप बनाए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग ने डीएमआरसी से दो हफ्ते के भीतर जवाब भी मांगा है। डीएमआरसी ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से लीक की गई पोर्न क्लिप मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंप दी है। इसके अलावा अपने स्तर पर भी सघन जांच कराने के आदेश दिए हैं।
Tuesday, 9 July 2013
चीनी सेना का दुस्साहस, लद्दाख में घुसकर लोगों को दी धमकी, कैमरे तोड़े
नई दिल्ली। चीनी सेना ने एक बार फिर लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के नजदीक चुमुर इलाके में घुसकर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है। चीनी सेना ने यहां पर भारतीय सेना द्वारा लगाए गए हाई रेजोल्यूशन कैमरों को भी तोड़ दिया और सेना द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी ढांचों को भी गिरा दिया।
खुफिया विभाग द्वारा भारत सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट की पुष्टि आईटीबीपी ने भी की है। पिछले तीन माह में दूसरी बार चीनी सेना ने इस तरह का दुस्साहस किया है।
इससे पहले अप्रैल-मई में भी चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में घुसकर अपने कैंप स्थापित कर दिए थे। इतना ही नहीं उन्होंने वहां पर जो बोर्ड लगाया था उस पर लिखा था कि वह चीनी का सरहदी इलाका है और आप चीन में हैं। गौरतलब है कि भारतीय रक्षा मंत्री इन दिनों चीन की आधिकारिक यात्रा पर गए हुए हैं।
इस दौरान होने वाली बातचीत में यह मुद्दा उठना भी तय माना जा रहा है।
खुफिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि यह घटना 17 जून की है, चीनी सैनिकों ने चुमुर में लगे कैमरों को तोड़ दिया। यह कैमरे सीमा की निगरानी के लिए भारतीय सेना ने मई में स्थापित किए थे। करीब तीन सप्ताह पहले हुई इस घटना में चीनी सैनिकों ने वहां के स्थानीय लोगों को हिंदी में वह जगह तुरंत खाली करने को कहा।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सीमा में घुसे चीनी सैनिक अच्छी तरह से हिंदी जानते थे। उन्होंने वहां रह रहे स्थानीय लोगों से कहा कि वह जमीन उनकी है लिहाजा वह वहां से चले जाएं। गौरतलब है कि अप्रेल-मई में भी चीन की सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर का रुख किया था।
इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। लेकिन भारतीय दबाव के बाद आखिरकार चीनी सैनिक वहां से हट गए थे। हालांकि भारत को चीनी सरकार की यह बात जरूर माननी पड़ी थी कि इस इलाके में भारतीय सैनिकों की भी मौजूदगी नहीं होगी। लिहाजा यहां पर भारतीय सैनिकों को गश्त भी नहीं लगाई जाती है।
चुमुर में हुई ताजा घटना के बाद तीन जुलाई को दोनों देशों की सेना के बीच हुई फ्लैग मीटिंग में भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों द्वारा भी यह मुद्दा उठाया गया और बतौर सबूत टूटे हुए कैमरों को भी पेश किया गया।
भारत सरकार को इस बाबत खुफिया रिपोर्ट उस वक्त मिली जब सरकार उत्तराखंड में आई भीषण आपदा से जूझ रही थी। चीन के साथ लगातार बढ़ रहे विवाद से भारत और चीन के बीच खटास बढ़ती जा रही है। इससे पूर्व पाक अधिकृत कश्मीर में चीन द्वारा बनाई जाने वाली दो सौ किमी लंबी सुरंग भी भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। वहीं चीनी सेना के मेजर जनरल ने भी कुछ दिन पहले अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताते हुए विवादों को हवा देने की कोशिश की थी।
Wednesday, 12 June 2013
देश की रक्षा करेंगे रोबोट
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान सावधान हो जाएं। भारत की रोबोट सेना अब सरहदों की हिफाजत के लिए तैयार हो रही है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रोबोट आर्मी विकसित करने के काम में तेजी से जुटा हुआ है। बकौल डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर, बहुत जल्द रोबोट सैनिक देश की रक्षा करते नजर आ सकते हैं। भविष्य की जंग में इनकी अहम भूमिका होगी। उनका कहना है कि भविष्य की जंगी जरूरतों के मद्देनजर मशीनी लड़ाकों को तैयार करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। डीआरडीओ के इस कार्यक्रम से भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो रोबोट सेना तैयार कर रहे हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीआरडीओ प्रमुख ने यह जानकारी दी। अविनाश चंदर ने बताया, हम उच्च बौद्धिक क्षमता वाले ऐसे रोबोट सैनिक तैयार कर रहे हैं जो दोस्त और दुश्मन के बीच फर्क करने में सक्षम होंगे। ये सरहदों पर भी तैनात होंगे।
उन्होंने कहा कि शुरू में तो रोबोट सैनिकों को दोस्त-दुश्मन का अंतर बताना पड़ेगा, लेकिन बाद में इन्हें इस कदर सक्षम बना दिया जाएगा ताकि युद्ध के मैदान में ये अग्रणी मोर्चे संभाले और पीछे हमारे सैनिक इनकी मदद के लिए तैनात रहें। अविनाश चंदर के अनुसार भविष्य में मानवरहित लड़ाइयां होंगी और जिसकी तकनीक जितनी उन्नत होगी, वही जंग में विजयी होगा।
डीआरडीओ प्रमुख का कहना है कि अब भी रोबोट का इस्तेमाल बम निष्क्रिय करने और विकिरण प्रभावित क्षेत्रों में अभियान के चलाने के लिए होता है।
Friday, 7 June 2013
भारतीय स्टूडेंट्स ने डिवेलप किया स्पेशल आई माउस
मैंगलोर।। मैंगलोर के 4 इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स ने ऐसा नायाब आविष्कार किया है, जिससे विकलांगों को कंप्यूटर ऑपरेट करने में बहुत सुविधा होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्यूनिकेश इंजिनियरिंग के 4 स्टूडेंट्स ने स्पेशल आई माउस डिवेलप किया है। यह आई माउस उन लोगों के लिए इनपुट डिवाइस का काम करेगा, जो अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
मैंगलोर के श्रीनिवास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (SIT) में पढ़ने वाली श्रुति शेट्टिगर, प्रसाद नायक, वनीश्री और संध्या शेत ने असोसिएट प्रफेसर सतीश कुमार के. और इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्यूनिकेशन इंजिनियरिंग के एचओडी भीमा शास्त्री की गाइडेंस में काम करते हुए यह स्पेशल डिवाइस तैयार किया है। प्रफेसर सतीश ने बताया कि स्टूडेंट्स ने एक ऐप्लिकेशन डिवेलप करके इसे वेबकैम वाले कंप्यूटर में इन्स्टॉल कर दिया। कंप्यूटर से एक लाइट डिपेंडेंट रेज़िस्टर सर्किट जोड़ा गया, जिसे एक कुर्सी से फिट कर दिया है। जैसे ही कोई विकलांग शख्स इस कुर्सी पर बैठता है, कंप्यूटर ऑटोमैटिकली ऑन हो जाता है। कंप्यूटर के साथ जुड़ा वेबकैम कुर्सी पर बैठे शख्स की आंखों की मूवमेंट कैप्चर करना शुरू कर देता है।
प्रफेसर ने बताया कि स्टूडेंट्स द्वारा डिवेलप किया गया ऐप वेबकैम के जरिए मिल रही यूजर की आई बॉल्स की मूवमेंट्स को स्टडी करके कंप्यूटर को कमांड्स देना शुरू कर देता है। इसके बाद फिजिकली चैलेंज्ड व्यक्ति बिना माउस के कंप्यूटर को यूज कर सकता है। उसे बस इतना करना होगा कि किसी फोल्डर या आइकन को ओपन करने के लिए उसे फोकस करके घूरना होगा। कुछ ही सेकंड्स में फोल्डर या आइकन ओपन हो जाएगा। आई बॉल की मूवमेंट्स से कर्सर को भी मूव किया जा सकता है।
खास बात यह है कि यह खास इनोवेशन करने में स्टूडेंट्स ने सिर्फ 5,000 रुपये खर्च किए हैं। अब ये स्टूडेंट इस ऐप का पेटेंट कराना चाहते हैं। प्रफेसर सतीश का कहना है कि पेटेंट हासिल होने के बाद में मार्केट में इस प्रॉडक्ट को लॉन्च किया जाएगा, ताकि यह विकलांग लोगों के काम आ सके।
Thursday, 6 June 2013
आप बोलेंगे और हो जाएगा खुद-ब-खुद टाइप
नई दिल्ली: साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग ने आज मार्केट में गैलेक्सी टैब 3 के दो मॉडल्स उतारे हैं। कंपनी इसको दो स्क्रीन साइज में ला रही है। इसमें एक का स्क्रीन साइज 8.3 इंच और दूसरा 10.1 इंच का रहेगा।
इसमें अहम बात यह है कि 8 इंच वाले टैब 3 के एक फीचर की मदद से आप बोलेंगे और मेल खुद-ब-खुद टाइप हो जाएगी। हालांकि सैमसंग ने अभी तक दोनों टैबलेट्स की कीमत का खुलासा नहीं किया है।
दोनों टैबलेट एंड्रॉयड 4.2 जेली बीन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेंगे। दोनों टैबलेट केवल वाईफाई नेटवर्क 3जी और वेरिएंट्स को सपोर्ट करेंगे।
Wednesday, 5 June 2013
गणित की यह गुत्थी सुलझाइए और करोड़पति बन जाएं

हालांकि गणित की इस गुत्थी को सुलझाना इतना आसान नहीं है। सालों से यह सवाल बुद्धिमान लोगों को हैरत में डाले हुए है। इसी को हल करने के लिए डलास के एक अरबपति बैंकर 10 लाख डॉलर इनाम देंगे।
रोडे आईलैंड स्थित अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी ने घोषणा की है कि बील कंजेक्चर नामक इस सवाल के हल के लिए इनाम की राशि बढ़ाकर 10 लाख डॉलर कर दी गई है।
यह नंबर थ्योरी से संबंधित सवाल है। सवाल और इनाम का नाम डी एंड्रयू ‘एंडी’ बील के नाम पर रखा गया है। यह डल्लास के बैंकर हैं और नंबर थ्योरी में उनकी गहरी रुचि है। वे ही इनाम की राशि प्रदान करेंगे।
बील कंजेक्चर से पहले इसी तरह के गणित के एक सवाल ‘फर्मेट्स लास्ट थ्योरम’ को वर्ष 1990 में एंड्रयू विल्स ने रिचर्ड टेलर के साथ मिलकर हल किया था।
फेसबुक पर दोस्तों से शेयर करिए 1 जीबी तक की फाइल
वैसे तो आज ड्रॉप बॉक्स और गूगल ड्राइव जैसे कई ऑप्शंस हैं, जिनसे बड़ी फाइलें शेयर की जा सकती हैं, लेकिन पाइप का सोशल नेटवर्किंग साइट से जुड़ना इसे खास बना देता है।
इसे इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है। केवल ड्रैग ऐंड ड्रॉप से फाइल किसी दोस्त को भेजी जा सकती है। पाइप से आप फेसबुक के ऐप सेंटर में जाकर जुड़ सकते हैं।
इस ऐप को बर्लिन की कंपनी पाइप ड्रीम टेक्नॉलज़ीज ने डिवेलप किया है। चूंकि यह आपके फेसबुक अकाउंट से जुड़ा होगा, इसलिए आप इस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर दोस्तों के साथ रियल टाइम में 1 जीबी तक की फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं।
आप और आपके दोस्त के ऑनलाइन होने पर पाइप P2P (पियर-टु-पियर) कनेक्शन बनाता है। दोनों कम्प्यूटर के बीच कॉन्टैक्ट के लिए इस ऐप में पाइप न तो किसी सर्वर का इस्तेमाल करता है और न ही आपकी फाइल फेसबुक के जरिए ट्रांसफर करता है। अगर कोई ऑफलाइन है और आप कोई फाइल भेजना चाहते हैं, तो पाइप उसे एक लॉकर में स्टोर करता है। इन लॉकर्स में 100एमबी तक ही डेटा स्टोर किया जा सकता है, हालांकि आप जितने चाहें, उतने लॉकर यूज़ कर सकते हैं।
पाइप अभी केवल डेस्कटॉप कम्प्यूटर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके मोबाइल वर्जन पर काम चल रहा है। इसका आईओएस वर्जन तैयार हो चुका है, ऐंड्रॉयड वर्जन डिवेलप किया जा रहा है।
आप और आपके दोस्त के ऑनलाइन होने पर पाइप P2P (पियर-टु-पियर) कनेक्शन बनाता है। दोनों कम्प्यूटर के बीच कॉन्टैक्ट के लिए इस ऐप में पाइप न तो किसी सर्वर का इस्तेमाल करता है और न ही आपकी फाइल फेसबुक के जरिए ट्रांसफर करता है। अगर कोई ऑफलाइन है और आप कोई फाइल भेजना चाहते हैं, तो पाइप उसे एक लॉकर में स्टोर करता है। इन लॉकर्स में 100एमबी तक ही डेटा स्टोर किया जा सकता है, हालांकि आप जितने चाहें, उतने लॉकर यूज़ कर सकते हैं।
पाइप अभी केवल डेस्कटॉप कम्प्यूटर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके मोबाइल वर्जन पर काम चल रहा है। इसका आईओएस वर्जन तैयार हो चुका है, ऐंड्रॉयड वर्जन डिवेलप किया जा रहा है।
Monday, 3 June 2013
फेसबुक पर स्टार को पहचानने में अब नहीं होगा धोखा
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने ट्विटर की तरह वेरिफाइड पेज और वेरिफाइड अकाउंट्स लांच किए हैं।
अब आप फेसबुक पर यह आसानी से जान पाएंगे कि आपके फेवरेट स्टार का सही अकाउंट कौन सा है? इससे पहले सोशल नेटवर्किंग साइट पर सही और गलत अकाउंट के बारे में जानना मुश्किल था।
अभी फेसबुक ने इस तरह के पेज की शुरूआत सेलिब्रिटी, जर्नलिस्ट, सरकारी अधिकारी, पॉपुलर बिजनेस ब्रांड के लिए की है। नई सर्विस के बाद यूजर को सही अकाउंट की पहचान करने में आसानी होगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 'वेरिफाइड पेज' पर ब्लू कलर का छोटा सर्किल दिखाई देगा। इस घेरे में व्हाइट कलर का का राइट का निशान बना होगा, जो कि सही अकाउंट की पहचान होगी।
इसी निशान से आपको पता चलेगा कि जो पेज आप फॉलो करने जा रहे हैं वह सही है या नहीं। चुनिंदा इंडियन सेलिब्रिटी के वेरिफाइड अकाउंट ओपन करने के लिए क्लिक करें।
सलमान खान
प्रियंका चोपड़ा
एमएस धोनी
सचिन तेंदुलकर
वैज्ञानिकों ने ढूंढा तीन सींग वाला डायनासौर
वाशिंगटन। जीवाश्म के आधार पर वैज्ञानिकों ने तीन सींग वाले डायनासोर की एक प्रजाति का पता लगाया है। इस प्रजाति के डायनासोर के सींग अन्य प्रजातियों से बिल्कुल अलग हैं। ये सबसे पुरानी प्रजाति ट्रिसेराटॉप्स एवं टोरोसोरस से संबंध रखते हैं। इनकी पहचान जुडीसेराटॉप्स के नाम से हुई है। इनके जीवाश्म उत्तरी मोंटना से प्राप्त हुए हैं। यही नहीं जीवाश्म के आधार पर इसी तरह की 18 प्रजातियों के अन्य डायनासोरों का अन्य क्षेत्रों में पता चला है।
वैज्ञानिक निकोलास लॉंगरिच ने कहा कि सेरोटॉपसिड्स (सींग वाले डायनासोर) तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति थी, ऐसे में उम्मीद है कि आगे भी हमें ऐसी खोज मिलती रहेंगी। ये प्रजाति कुछ करोड़ साल पुरानी है। बाद में इस प्रजाति की जगह नई प्रजातियों ने जन्म लिया।
उन्होंने कहा कि आप जितने पुराने पत्थर देखते जाएंगे, नई प्रजाति मिलती जाएगी। 7.8 करोड़ साल पहले जुडीसेराटॉप्स क्रेटासियस युग में रहते थे। ये बड़े पेड़ खाते थे।
इससे पहले भी चीनी वैज्ञानिकों ने नए डायनासोर की प्रजाति का पता लगाया था। ये डायनासोर मांसभक्षी थे और दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में लगभग 18 करोड़ साल पहले या पूर्व जुरासिक युग के दौरान पाए जाते थे। नया डायनासोर कोलोफाइसिज से संबंधित था, जो छोटे आकार का मांसभक्षी डायनासोर था।
वैज्ञानिक निकोलास लॉंगरिच ने कहा कि सेरोटॉपसिड्स (सींग वाले डायनासोर) तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति थी, ऐसे में उम्मीद है कि आगे भी हमें ऐसी खोज मिलती रहेंगी। ये प्रजाति कुछ करोड़ साल पुरानी है। बाद में इस प्रजाति की जगह नई प्रजातियों ने जन्म लिया।
उन्होंने कहा कि आप जितने पुराने पत्थर देखते जाएंगे, नई प्रजाति मिलती जाएगी। 7.8 करोड़ साल पहले जुडीसेराटॉप्स क्रेटासियस युग में रहते थे। ये बड़े पेड़ खाते थे।
इससे पहले भी चीनी वैज्ञानिकों ने नए डायनासोर की प्रजाति का पता लगाया था। ये डायनासोर मांसभक्षी थे और दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में लगभग 18 करोड़ साल पहले या पूर्व जुरासिक युग के दौरान पाए जाते थे। नया डायनासोर कोलोफाइसिज से संबंधित था, जो छोटे आकार का मांसभक्षी डायनासोर था।
Friday, 31 May 2013
नए रूप में आया जीमेल, ऐसे पा सकते हैं आप तुरंत
अगर आप जीमेल यूजर हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। आपका जीमेल इनबॉक्स जल्द ही नए रूप में नजर आएगा। साथ ही आपके लिए ई-मेल मैनेज करना अब और आसान हो जाएगा। आप अपने इनबॉक्स को अपने हिसाब से कंट्रोल कर सकेंगे। गूगल ने टैब सुविधा के साथ जीमेल इनबॉक्स का नया डिजाइन पेश किया है। नया डिजाइन पीसी और मोबाइल दोनों तरह के यूजर को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। गूगल का मानना है कि इस नए डिजाइन से लोगों के लिए जरूरी और गैर-जरूरी मेल में अंतर करना आसान हो जाएगा।
टैब्स से होगी आसानीः जीमेल का नया इनबॉक्स किसी वेब ब्राउज़र की तरह नजर आएगा। गूगल ने इनबॉक्स में पांच टैब्स की सुविधा दी है- प्राइमरी, सोशल, प्रमोशनल, फोरम और अपडेट्स। आपके जीमेल अकाउंट में आने वाले अलग तरह के मेल्स को इन अलग-अलग टैब्स में बांटा जाएगा। इस तरह जरूरी मेल्स को पढ़ना आसान हो जाएगा। साथ ही एक नजर में ही पता चल जाएगा कि आपके इनबॉक्स में नए ई-मेल कौन से हैं और उन्हें पढ़ना आपके लिए कितना जरूरी है।
हर मेल का ठिकाना तय होगा: जीमेल के नए इनबॉक्स में आप अपने ई-मेल्स को अलग-अलग कैटिगरीज में बांट सकेंगे। आपके जरूरी मेल प्राइमरी कैटिगरी में आएंगे। टि्वटर-फेसबुक जैसी सोशल साइट्स से जुड़े ईमेल सोशल टैब में चले जाएंगे। ग्रुपॉन-फैब जैसी कंपनियों से आने वाले ऑफर प्रमोशन कैटिगरी में होंगे। नोटिफेकिशेंस, बिल जैसे मेल अपडेट टैब के जरिए दिखाई देंगे। ग्रुप ई-मेल्स फोरम में दिखेंगे। नए इनबॉक्स को आसानी से कस्टमाइज भी कर सकते हैं। ड्रैग और ड्रॉप के जरिए ई-मेल्स एक टैब से दूसरे टैब में भेजे जा सकेंगे। हालांकि अभी जीमेल ने यूजर्स को अपनी मर्जी के टैब बनाने की सुविधा नहीं दी है।
कैसे मिलेगा नया जीमेलः आने वाले कुछ हफ्तों में जीमेल के सभी यूजर्स नए तरह का इनबॉक्स इस्तेमाल कर पाएंगे। अगर आप यह नया इनबॉक्स तुरंत पाना चाहते हैं, तो जीमेल सेटिंग्स में जाकर Configure inbox पर क्लिक करिए। जिन्हें पुराना वाला जीमेल इनबॉक्स ही पसंद है, उन्हें भी घबराने की जरूरत नहीं है। सारे टैब्स स्विच ऑफ कर देने पर जीमेल इनबॉक्स पुराने रूप में ही दिखेगा।
Thursday, 30 May 2013
यह घटना नहीं होती तो भारत में आम विदेश से आता
गर्मी का महीना चिलचिलाती धूप और पसीने के कारण शायद ही किसी को पसंद आता होगा। लेकिन आम का मीठा स्वाद याद आने पर गर्मी का मौसम भी सुहाना लगने लगता है क्योंकि आम इसी मौसम में फलता है। आम की चटनी, आम की खटाई और पके आम का स्वाद याद कीजिए, यकीनन मुंह में पानी आ गया होगा।
शायद कुछ ऐसा ही आज से कई हजार साल पहले राम भक्त हनुमान जी के साथ हुआ होगा। अगर हनुमान जी की ऐसी हालत नहीं हुई होती तो शायद भारत में आम का पेड़ नहीं होता और पड़ोसी देश से आम खरीदकर मंगाया जाता है। भारत में आम के आने की घटना का संबंध रामायण से है। रामायण की कथा के अनुसार रावण जब सीता का हरण करके लंका ले गया तब सीता की खोज में राम जी ने हनुमान को लंका भेजा।
हनुमान जी समुद्र पार करके रावण की नगरी लंका पहुंचे। इन्हें पता चला कि रावण ने माता सीता को आशोक वाटिका में रखा हुआ है। आशोक वाटिका में पहुंचकर हनुमान जी सीता से मिले और यहां के फलों को देखकर इनके मुंह में पानी आ गया। माता सीता से आज्ञा लेकर हनुमान जी फलों को खाने लगे। लेकिन जब हनुमान जी ने आम खाया तो इसके अद्भुत स्वाद से तृप्त हो गये।
इनके मन में विचार आया कि यह अद्भुत फल भगवान राम को भेंट किया जाए। इसलिए लंका दहन करने के बाद जब वापस लौटने लगे तो तब एक बड़ी सी गठरी में आम को बांधकर अपने साथ ले आए। हनुमान जी ने लंका में किस तरह से माता सीता रहती हैं यह सब हाल बताया। इसके बाद प्रेम पूर्वक अपने साथ लाये हुए आम भगवान को भेंट किया।
श्रद्धा और प्रेम पूर्वक हनुमान जी द्वारा लाये गये फल को खाकर भगवान राम भी आनंदित हो गये। राम सहित लक्ष्मण जी ने भी आम के मीठे स्वाद का आनंद लिया और गुठलियों को फेंक दिया। इन गुठलियों से आम का पौधा जन्म लिया और समय के साथ देश के विभिन्न भागों में इसका विस्तार होता गया।
भगवान राम के जूठे गुठलियों से आम का पेड़ भारत में जन्मा है इसलिए आम को भगवान राम का प्रसाद भी माना जाता है। माना जाता है कि जब आम के पेड़ पर फल लग जाता है तब इस पर हनुमान जी का निवास होता है। इसलिए बुरी शक्तियां आम के पेड़ के आस-पास से दूर रहती हैं।
Wednesday, 29 May 2013
गजब! आपके जूतों से चार्ज हो जाएगा मोबाइल
हवा और पानी से मोबाइल चार्ज होने की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन अब आपका फोन जूतों से चार्ज होगा। ह्यूसटन स्थित राइस यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जूतों की मदद से आइफोन चार्ज होने वाली तकनीक विकसित की है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले चार छात्रों के चलने के दौरान किसी भी व्यक्ति जूतों से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को एकत्रित करके इसका इस्तेमाल मोबाइल चार्जिंग में किया है।
इन्हें पेडीपॉवर जूतों का नाम दिया गया है। इस तकनीक में पेडीपॉवर जूतों की गति से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को एकत्रित करके मोबाइल चार्जिंग के लिए यूज किया जाता है।
यूनिवर्सिटी के छात्रों को ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री के लिए उपकरण तैयार करने वाली कैमरन कंपनी ने नए तरह के जूते तैयार करने के लिए एप्रोच किया।
कंपनी का मानना था कि छात्रों को ग्रीन एनर्जी तकनीक को विकसित करने पर काम करना चाहिए। इसके बाद केरलोस अर्मादा, जूलियन कास्त्रो, डेविड मोरिला और टायलर वेस्ट ने अपना ध्यान जूतों से पैदा होने वाली ऊर्जा पर फोकस किया।
गौरतलब है कि मोशन एनॉलिसिस लेबोरेट्री के साथ ह्यूसटन का श्रीनेर्स हॉस्पीटल फॉर चिल्ड्रेन की टीम यह निष्कर्ष निकाल चुकी है कि किसी भी व्यक्ति की हील (ऐडी) पैर के हिसी भी हिस्से से ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
Saturday, 25 May 2013
फिक्सिंग में फंसे गेल, गिफ्ट में ली थी चार लाख की ज्यूलरी
नई दिल्ली: चेन्नई सुपर किंग्स के प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन की गिरफ्तारी के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुर के विस्फोटक ओपनर क्रिस गेल भी शक के घेरे में आ गए हैं। जयपुर के बुकीज जूलर्स पवन और संजय ने गेल को अपने शोरूम पर बुला कर उन्हें चार लाख रुपए की ज्यूलरी गिफ्ट की थी। 29 अप्रैल को जयपुर में बेंगलुरु और राजस्थान रॉयल्स का मैच था।
इसके एक दिन बाद गेल टोंक रोड स्थित मोती संस के शोरूम गए थे और वहां करीब एक घंटे रुके थे। इसी दौरान पवन और संजय ने उन्हें जेवरात गिफ्ट किए थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस गिफ्ट का फिक्सिंग से कोई संबंध है या नहीं। स्पॉट फिक्सिंग में फंसे एस. श्रीसंथ और विंदू दारा सिंह भी आ चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, गेल को मोती संस के शोरूम में ले जाने में भी विंदू का रोल था। जब स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया तो विंदू ने इन दोनों बुकीज को यहां से दुबई भागने में मदद भी की थी। सट्टेबाजी को लेकर राजस्थान के कम से कम 20 जूलर्स संदेह के दायरे में हैं। मुंबई और दिल्ली पुलिस इन जूलर्स का कच्चा चिट्ठा खंगाल रही हैं।
Friday, 24 May 2013
लाइव वेबकैम पर बॉयफ्रेंड के सामने युवती ने किया सूइसाइड
मुंबई।। एक प्रेम कहानी का ऐसा दर्दनाक अंत हुआ कि जानकर आपका भी दिल दहल जाएगा। मुंबई के विले पार्ले में एक युवती ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ वेबकैम से लाइव चैट करते वक्त सूइसाइड कर लिया। उसने पंखे से लटककर जान दे दी, लेकिन उसके बॉयफ्रेंड के पास उसे मरते हुए देखने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
शोभना और स्वप्निल एक दूसरे से प्यार करते थे। बताया जा रहा है कि दोनों ने परिवार वालों से छिपकर कोर्ट मैरेज कर ली थी, लेकिन शोभना अपने माता-पिता के साथ ही रहती थी। जब उनके घरवालों को दोनों की शादी की खबर हुई तो आपसी बातचीत के बाद उन्होंने दोनों की फिर से शादी करने के लिए हामी भर दी थी। लेकिन आरोप है कि लड़के वालों ने कुछ वक्त बाद दहेज की मांग शुरू कर दी। इस वजह से दोनों परिवारों के रिश्ते खराब हो गए और दोनों के मिलन पर ग्रहण लग गया।
शोभना इन सभी बातों से काफी परेशान थी। बुधवार शाम शोभना और स्वप्निल वेबकैम से लाइव चैट कर रहे थे। इसी बीच शोभना उठी और उसने कहा, 'देख! मैं सूइसाइड कर रही हूं।' इससे पहले की स्वप्निल कुछ समझ पाता, उसने अपना दुपट्टा लिया और पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। स्वप्निल अपने कंप्यूटर पर यह सब लाइव देख रहा था। उसने आनन-फानन में शोभना की बहन को इस बारे में बताया, लेकिन जब तक वह उसके पास पहुंचती, देर हो चुकी थी। जुहू पुलिस ने सूइसाइड का मामला दर्ज करके शोभना का लैपटॉप जब्त कर लिया है और छानबीन कर रही है।
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