Wednesday 28 August 2013

नरेंद्र मोदी से मिले जेडीयू सांसद निषाद, PM के तौर पर किया समर्थन

जेडीयू ने भले ही बीजेपी से रिश्ता तोड़ लिया है, लेकिन उसके कुछ नेता अभी मोदी-मोह नहीं छोड़ पा रहे. बिहार के मुजफ्फरपुर के जेडीयू सांसद जयनारायण प्रसाद ’निषाद’ ने हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री के दावेदार के तौर पर उनका पुरजोर समर्थन किया. निषाद ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, 'तीन दिन पहले मैंने नरेंद्र मोदी से उनके गांधीनगर दफ्तर में मुलाकात की थी और हमने बिहार के और देश के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की.' निषाद इससे पहले भी मोदी के प्रति समर्थन जता चुके हैं और इसी साल मार्च में उनके लिए यज्ञ भी करवा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तरह से मोदी जी ने गुजरात की जनता की सेवा की है, वह देश की गरीब जनता की सेवा के लिए सबसे उचित दावेदार हैं. देश का अगला प्रधानमंत्री उन्हें ही बनना चाहिए.' जेडीयू की ओर से किसी तरह की कार्रवाई की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, ' मैं पहले भी मैं पांच बार पार्टी बदल चुका हूं और फिर भी मैं पांच बार मुजफ्फरपुर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुआ. इसलिए मुझे इस बात का कोई डर नहीं है कि कोई भी पार्टी मेरे खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी.' जेडीयू ने मोदी की वजह से ही भाजपा से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ा है. रिश्ते में दरार आने के बाद कभी गलबहियां करने वाले बीजेपी और जेडीयू के नेता अब एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं. ऐसे में निषाद की यह मुलाकात जेडीयू में बगावत के बीज बो सकती है.

Tuesday 27 August 2013

गिरफ्तारी के डर से ध्यान में चले गए आसाराम!

नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोपों से घिरे धार्मिक गुरू आसाराम बापू को समन देने के लिए जोधपुर पुलिस का दो सदस्यीय दल इंदौर स्थित आश्रम पहुंचा, लेकिन आसाराम ने समन लेने से मना कर दिया. जानकारी के मुताबिक, उनके आश्रम के अधिकारी ने समन लेने से मना कर दिया और कहा कि बापू ध्यान में चले गए हैं. भवरकुंआ पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जोधपुर पुलिस के दल में एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नोटिस बापू को अबतक थामाया नहीं जा सका है. आश्रम के लोगों का कहना है कि आसाराम बापू फिलहाल ध्यान में हैं. विदेश भागेंगे आसाराम? लुक आउट सर्कुलर होगा जारी उधर, इन सबके बावजूद आसाराम की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं. जोधपुर पुलिस आसाराम पर देश छोड़ने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए पुलिस आसाराम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि इस नोटिस में आसाराम बापू से कहा गया है कि वे नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन शोषण के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर हों. 30 अगस्त या उससे पहले उन्हें अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है. पुलिस पर उठने लगे सवाल आसाराम के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज हुए सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी तो दूर अभी तक पूछताछ के लिए समन थमाने का दौर ही चल रहा है. कभी पुलिस आसाराम से रेप की धारा हटाने की बात कहती है तो कभी इससे मुकरती है. अब पुलिस के टालमटोल रवैये से उस पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या वो आसाराम के प्रति नरम रवैया अपना रही है. आसाराम के खिलाफ नेता भी कूदे, आतंकी हाफिज सईद से तुलना वहीं दूसरी तरफ, राजनीतिक दल भी आसाराम के खिलाफ आ गए हैं और उनकी तुलना पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद से की जा रही है. सोमवार को जहां संसद में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने आसाराम के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग उठाई. वहीं, मंगलवार को उनकी ही पार्टी के सांसद अली अनवर ने आसाराम की तुलना हाफिज सईद से कर डाली. राजस्थान सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि “हिंदुस्तान की सरकार ऐसे आदमी पर कार्रवाई करने से डर रही है, जो अनाप-शनाप बोलता है. जिस पर नाबालिग से रेप करने का आरोप है. ऐसे लोगों पर आप हाथ नहीं लगा पा रहे हैं और हाफिज सईद के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं. ये तो वही हुआ ना, जो गति मोरि, वो गति तोरि”. एसपी ने भी आसाराम पर करारा प्रहार किया. पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'आसाराम कोई संत या महात्मा नहीं है, सिर्फ कथावाचक है. राजस्थान पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है ये समझ के बाहर है. पुलिस को कानून के तहत काम करना चाहिए.' इधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'चाहे वो आसाराम हो या फिर कोई और संत हो, महंत हो, राजनेता हो या फिर उद्योगपति. अगर इस प्रकार की घटना हुई है तो कानून सबके लिए एक समान है. पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.' इस मामले पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. गौर करने वाली बात ये भी है कि उमा भारती और उनकी ही पार्टी के कई अन्य नेता आसाराम का बचाव कर चुके हैं. सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने मंगलवार को फिर आसाराम पर हमला बोला. उन्होंने कहा, आसाराम ने जो किया वो शर्मनाक है. उन्हें तो फांसी होनी चाहिए

Monday 26 August 2013

उत्तर प्रदेश: विहिप का जोरदार प्रदर्शन... पुलिस के छूटे पसीने

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत के दौरान रविवार को हुई प्रमुख संतों की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में विहिप कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। विहिप के प्रदर्शन को देखते हुए पूरे प्रदेश में पहले ही अलर्ट जारी किया जा चुका है। उप्र में मेरठ, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर में विहिप कार्यकर्ताओं ने संतों की गिरफ्तारी के विरेाध में जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका। इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तार किए गए संतों और विहिप नेताओं की रिहाई की मांग की। विहिप के कार्यकर्ता सोमवार सुबह से ही वाराणसी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन को लेकर कई जगह यातयात जाम की भी समस्या सामने आई। विहिप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। मेरठ में विहिप कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रशासन ने प्रदर्शन को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। हालांकि यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इसी तरह कई शहरों में विहिप के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आगरा, झांसी, बांदा और चित्रकूट में भी विहिप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। अयोध्या और फैजाबाद में हालांकि प्रदर्शन का खास असर देखने को नहीं मिला क्योंकि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक सिंघल को रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें उन्नाव के पक्षी विहार में रखा गया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिम्या, राम विलास वेदांती और पूर्व विधायक लल्लू सिंह को गिरफ्तार कर अन्य जिलों की जेलों में रखा गया है।

Saturday 24 August 2013

भारत को अच्‍छा प्रधानमंत्री मिलना असंभव हैं: अन्‍ना हजारे

अमेरिका की मेरीलैंड यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों को संबोधित करते हुए अन्‍ना हजारे ने कहा है कि भारत में चुनावी व्‍यवस्‍था पर राजनीतिक पार्टियों को आधिपत्‍य बना हुआ है और ये राजनीतिक पार्टियां तो संविधान की मूल भावना के खिलाफ ही काम करती हैं। इसलिए जरूरी है कि देश के राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव पूरे देश की जनता द्वारा किया जाना चाहिए लेकिन अगर यही हालात रहे तो भारत को अच्‍छा प्रधानमंत्री नहीं मिल सकता है। राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी में से कौन भारत का बेहतर प्रधानमंत्री साबित होगा इस पर उन्‍होने कहा कि यह दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ही प्रतिनिधित्‍व करते हैं अत: मुझे लगता है कि इन दोनों में ही प्रधानमंत्री बनने की योग्‍यता नहीं है। अन्‍ना ने कहा है कि आज जरूरत है कि देश में प्रधानमंत्री और राष्‍ट्रपति का सीधे तौर पर चुनाव किया जाये।अन्‍ना के साथ ही मौजूद पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने कहा कि देश तबाही के मुहाने पर खड़ा हुआ है, इसलिए जरूरी है कि कार्रवाई की जाय। उन्‍होने अपील की है कि युवाओं को आगे आना चाहिए और अन्‍ना के हाथों को मजबूत करना चाहिए। अन्‍ना हजारे इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं, उन्‍हें पिछले दिनों इंडिया डे परेड में मुख्‍य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इंडिया डे परेड हर साल अमेरिका में रहने वाले भारतीयों द्वारा आयोजित की जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए भारत की कई प्रमुख हस्तियां जाती हैं।

Thursday 22 August 2013

उमा भारती ने किया आसाराम बापू का बचाव


एक तरफ यौन शोषण के आरोप में आसाराम बापू पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही हैं, वहीं दूसरी तरफ जांच पड़ताल पूरी होने के पहले ही बीजेपी की नेता उमा भारती ने उन्हें पाक साफ बता दिया है। उन्होंने तो यह भी कह दिया है कि आसाराम को सोनिया और राहुल के इशारे पर फंसाया जा रहा है। उमा भारती ने कहा कि संत आसाराम बापू निर्दोष हैं। सोनिया गांधी के विरोध की उनको सजा मिली है। कांग्रेस शासित राज्य में उन पर झूठा केस दर्ज किया है। उमा भारती संत आसाराम बापू के बचाव में उतर आई है। रेप जैसे गंभीर आरोप लगने के बाद उमा भारती ने इस पूरे मामले को कांग्रेस की साजिश करार दिया है। संत के बचाव में उतरीं उमा भारती ने आसाराम बापू निर्दोष करार दिया हैं। एक किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में इस किशोरी ने कहा है कि आसाराम ने उसके साथ राजस्थान के जोधपुर स्थित आश्रम में बलात्कार किया। मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। किशोरी ने 74 वर्षीय आसाराम पर बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है। दिल्ली पुलिस ने मामला जोधपुर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि आसाराम के आश्रम की ओर से आरोपों से इऩकार किया गया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी ने मंगलवार को दिल्ली के कमला मार्केट थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

Wednesday 21 August 2013

आतंकी टुंडा पर हिंदू सेना का हमला, थप्पड़ जड़ा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के गिरफ्त में आया आइएसआइ का खासम-खास आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी से पहले हिंदू सेना के दो युवकों ने हमला कर दिया, जिसमें से एक ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। टुंडा पर हमला करने वाले शख्स हिरासत में ले लिए गए हैं। भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किए गए आंतकी टुंडा को दिल्ली पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर भेजा था। पेशी के बाद कोर्ट ने टुंडा को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने टुंडा से संबंधित कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस ने पता लगाया है कि टुंडा के संपर्क अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाउद से भी थे। यही नहीं टुंडा ने कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले दिल्ली को दहलाने की साजिश भी बनाई थी, जिसपर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नाकाम कर दिया। पुलिस ने उम्मीद लगाई है कि टुंडा की गिरफ्तारी से उन्हें देश में चल रही आतंकी गतिविधियों के कई सुराग मिल सकेंगे। पाकिस्तान में टुंडा के व्यापक सम्पर्क को देखते हुए जांच एजेंसियों का पहला जोर आतंकियों से उसके रिश्तों की पड़ताल पर होगा। साथ ही यह भी कोशिश होगी कि यूपी के विभिन्न अंचलों से फरार आतंक के आरोपी कहां-कहां पनाह लिए हैं। गौरतलब है कि टुंडा हापुड़ जिले के पिलखुआ गांव का रहने वाला है। पाकिस्तान में बसने के बाद भी उसका नेटवर्क भारत से टूटा नहीं। यूपी में काम कर रही एनआइए और एटीएस टुंडा से पूछताछ की तैयारी में हैं। संभव है कि यूपी के किसी पुराने मुकदमे में टुंडा को रिमांड पर लाया जाए या फिर टीम दिल्ली में जाकर उससे पूछताछ कर सकती है। इसका सबसे खास मकसद उन फरार आतंक के आरोपियों का पता करना है, जिनसे टुंडा के तार जुड़े हो सकते हैं। फरार आरोपियों पर एनआइए ने लाखों के इनाम रखे हैं, लेकिन उनकी सुरागरसी तक नहीं हो सकी है। अब जबकि टुंडा शिकंजे में है तो उससे कई सच उगलवाने की कोशिश होगी।

Monday 19 August 2013

बिहार: राज्यरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 कांवड़ियों की मौत

बिहार के खगड़िया जिले के समस्तीपुर डिविजन के भमारा रेलवे स्टेशन के पास सोमवार की सुबह राज्यरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 कांवड़ियों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि रेलवे ट्रैक पार करते समय तीर्थयात्री ट्रेन की चपेट में आ गए। मेडिकल वैन को घटनास्थल पर भेजा गया है। दुर्घटना के बाद रेल सेवा पूरी तरह रद्द कर दी गई है। रेल सूत्रों के मुताबिक ट्रेन सहरसा से पटना जा रही थी। यह हादसा बदला और धमारा घाट के बीच हुआ है। गुस्साए लोगों ने दुर्घटना के बाद ट्रेन पर पत्थर फेंके। ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी और ड्राइवर को बंधक बना लिया। हालांकि अब तक मंत्रालय की ओर से ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

Tuesday 13 August 2013

2002 में नरेंद्र मोदी की भूमिका पर उमर की जानकारी तथ्यात्मक नहीं : बीजेपी


नई दिल्ली: किश्तवाड़ हिंसा पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीजेपी पर कटाक्ष के जवाब में बीजेपी ने उमर को तथ्यों में सुधार का सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात के 2002 के दंगों के मामले में नरेंद्र मोदी की भूमिका के बारे में उनकी जानकारी गलत तथ्यों पर आधारित है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने अपने ट्वीट में कहा है कि 28 फरवरी 2002 को गुजरात में दंगे भड़के और 1 मार्च को सेना तैनात हो चुकी थी। साथ ही उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को दंगों के तुरंत बाद ही उसी दिन सेना को तैनात जाने के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के उस बयान कि 2002 में मोदी को कुछ दिन लग गए थे सेना को तैनात करने में, कहा कि 28 फरवरी के बाद 1 मार्च ही आता है और बीच में एक भी दिन नहीं है। गौरतलब हैकि किश्तवाड़ हिंसा की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी थी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को रविवार को किश्तवाड़ जाने से रोके जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना की और हिंसा को लेकर उमर अब्दुल्ला सरकार पर निशाना साधा था। उल्लेखनीय है कि इस हिंसा के मामले में दो पुलिसवालों सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी की गई है और छह जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, इस मामले को लेकर आरोप लगाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के गृह राज्यमंत्री सज्जाद किचलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि किचलू ने किश्तवाड़ हिंसा को बढ़ावा दी। हालांकि किचलू ने बीजेपी के आरोपों को निराधार बताया। किचलू के इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था... क्या बीजेपी 2002 याद करेगी... क्या जेटली संसद को यह बताने का कष्ट करेंगे कि 2002 में क्या गुजरात के गृहमंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा देने की पेशकश भी की थी या नहीं...बीजेपी ऐसा नहीं कर सकती, क्योंकि उनके पीएम बनने के उम्मीदवार ने कई दिनों तक सेना को बुलाने का इंतजार किया था और अब तक माफी नहीं मांगी है। किश्तवाड़ हिंसा के मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, यह काफी गंभीर मामला है। वहां सामुदायिक रिश्ते काफी सौहार्दपूर्ण थे। पिछले कुछ दिनों में किश्तवाड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां बढ़ीं। उन्होंने कहा कि असहाय लोग मदद की गुहार लगा रहे थे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जिला प्रशासन ने भी कोई कदम नहीं उठाया। सैकड़ों दुकानों में आग लगा दी गई, घरों में तोड़फोड़ की गई और लोग जख्मी हुए। जेटली ने कहा कि सेना बुलाने में जानबूझकर देरी की गई और हालात को बिगड़ने दिया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य किसी एक परिवार की जागीर नहीं है। यह भारत का अभिन्न अंग है और आपको तय करना होगा कि यहां कैसे शासन चलाया जाना है। जेटली ने कहा कि किश्तवाड़ में मिश्रित समुदाय रहते हैं और उनके बीच आपसी भाईचारा का इतिहास रहा है। लेकिन ईद के दिन किश्तवाड़ में लोग प्रदर्शन के रूप में जुट गए और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाया गया।
इन घटनाओं के बारे में प्रधानमंत्री को भी सूचित किया गया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा आसपास के क्षेत्र में मीडिया सहित किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं देने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि क्या हम इस तरह की शुतुरमुर्ग वाली नीति अपना कर सूचनाओं को छिपा सकते हैं। उन्हें किश्तवाड़ जाने की इजाजत नहीं दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मेरे साथ जो हुआ, वह गौण बात है, लेकिन क्या सभी के साथ यह होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर किसी परिवार की संपत्ति नहीं है। जेटली ने कहा कि क्या बीजेपी शासित राज्यों में कभी ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मीडिया भी दोहरे मापदंड अपना रहा है। विपक्ष के नेता ने पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग करते हुए मृतकों एवं घायलों को मुआवजा दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। इस बीच, गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने बताया कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर सरकार से किश्तवाड़ में हुई झड़प के बारे में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उमर ने घोषणा की कि उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस जांच का नेतृत्व करेंगे और समय सीमा के अंदर जांच पूरी होगी।

Saturday 10 August 2013

बाज नहीं आ रहा पाक, भारतीय चौकियों पर फिर फायरिंग

पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर गोलीबारी कर एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इससे चार दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल के हमले में पांच भारतीय जवान शहीद हुए थे। रक्षा विभाग के प्रवक्ता एसएन आचार्य ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार रात 10 बजकर 20 मिनट के करीब पुंछ जिले के दुर्गा बटालियन इलाके में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने छोटे और स्वचालित हथियारों से रात 10 बजकर 50 मिनट तक गोलीबारी की। उन्होंने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। आचार्य ने कहा कि भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी के दौरान किसी प्रकार के जान-माल की हानि नहीं हुई। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना के नेतृत्व में 20 हथियारबंद लोगों के समूह ने छह अगस्त को पुंछ सेक्टर में भारत की सीमा में 450 मीटर तक प्रवेश करके घात लगाकर हमला किया था जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। रक्षा मंत्री एंटनी ने इस जघन्य कृत्य के लिए पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराया था और चेतावनी भी दी थी कि गत मंगलवार को हुई घटना का असर नियंत्रण रेखा पर भारत के व्यवहार और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा था अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे।
उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संसद में कहा था कि पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों पर किए गए जघन्य और अकारण हमले से हम सभी आहत हैं और स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। एंटनी ने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा था कि हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाए और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाए रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए। एंटनी ने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क, संगठनों और ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्रवाई करनी चाहिए और नवंबर 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।

Friday 9 August 2013

LOC पर भारतीय सैनिकों की हत्‍या पर नवाज शरीफ दुखी, मनमोहन से मिलने की इच्छा जताई

इस्लामाबाद/नई दिल्‍ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सैनिकों की हत्‍या पर ताजा घटना को लेकर गुरुवार को ‘दुख’ प्रकट करते हुए भारत में मौजूद भावनाओं को शांत करने की कोशिश की और कहा कि अगले महीने न्यूयार्क में अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह से मुलाकात होने पर वह विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा करेंगे। पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने से पैदा हुए तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्रालय में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को बहाल करने के लिए प्रभावी कदम उठाना चाहिए। हालांकि, विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में मंगलवार की घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया जिसमें पाकिस्तान आर्मी के ‘विशेषज्ञता प्राप्त सैनिकों’ ने भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी थी। शरीफ ने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे एलओसी पर संघर्ष विराम बहाल करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। अगले महीने न्यूयार्क में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ वार्ता नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भाजपा द्वारा दबाव बनाए जाने के मद्देनजर शरीफ ने कहा कि वह इस बैठक को लेकर आशावादी हैं जिसमें वह विश्वास बहाली के कदम पर चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना चाहते हैं। शरीफ ने कहा कि यह दोनों देशों के नेतृत्व का कर्तव्य है वे हालात को बिगड़ने नहीं दें और विश्वास बहाली की समीक्षा को लेकर सार्थक वार्ता में शामिल हो कर माहौल बेहतर करने के लिए कदम उठाए। इस बीच, रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज संसद में कहा कि इस हमले में पाकिस्तान आर्मी के विशेषज्ञता प्राप्त सैनिक शामिल हैं और पाक अधिकृत कश्मीर से एक समूह ने नियंत्रण रेखा पार किया तथा भारतीय सैनिकों को मार डाला। पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया है कि उसके सैनिक इस घटना में शामिल थे। उसने यह भी कहा है कि उसके दो सैनिक नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में घायल हुए हैं। शरीफ को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने हालात से अवगत कराया। शरीफ ने ब्रीफिंग के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के सेना स्तर के संपर्क को गलतफहमी दूर करने के लिए और बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकता है और हालात को बिगड़ने से रोका जा सकता है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में शरीफ के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान राजनीतिक और सैन्य स्तर पर मौजूद तंत्र को और मजबूत करने के उपायों पर भारत के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। इस साल जनवरी में एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों के एक हमले में एक भारतीय सैनिक का सिर कलम कर दिए जाने और एक अन्य सैनिक का क्षत विक्षत शव मिलने के बाद भारत-पाकिस्तान वार्ता प्रक्रिया अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई। 11 मई के आम चुनाव में अपनी पार्टी पीएमएल(एन) को मिली जीत के बाद रिकार्ड तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने पर शरीफ ने कहा था कि भारत के साथ संबंध बेहतर करने की अपनी इच्छा वह बार बार जता चुके हैं।

Thursday 8 August 2013

'हंगामेदार' सांसदों की लिस्ट पर बीजेपी का राज्य सभा से वॉकआउट

नई दिल्ली।। पुंछ में सैनिकों की मौत पर संसद में जारी हंगामे के बीच गुरुवार को राज्य सभा सचिवालय की ओर से जारी 'हंगामेदार' सांसदों की लिस्ट ने बीजेपी को और भड़का दिया। बीजेपी के सांसदों ने इस लिस्ट पर सख्त ऐतराज जताते राज्य सभा में जमकर हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया। हंगामा करने वाले सांसदों की इस लिस्ट में 22 सांसदों के नाम हैं। इसमें 20 बीजेपी और 2 टीडीपी के सांसद हैं। लिस्ट में बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी का नाम भी है। ईरानी ने इस पर कहा कि अगर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' कहने पर लिस्ट में शामिल किया गया है, तो उन्हें अफसोस नहीं है। गुरुवार को राज्य सभा सचिवालय की ओर से एक बुलेटिन जारी किया गया। इसमें पिछले तीन दिन से राज्य सभा में हंगामा करने और सदन की कार्यवाही न चलने देने वाले सांसदों के नाम भी छापे गए। इन सांसदों पर आरोप लगाया गया है कि वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं और अध्यक्ष के आसन के पास आकर हंगामा करते हैं। लिस्ट में अधिकतर सांसदों के बीजेपी के होने पर बीजेपी ने इस पर घोर आपत्ति जताई। कुछ सांसदों का दावा था कि वे कभी भी अध्यक्ष के आसन के पास नहीं गए हैं। नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सभापति हामिद अंसारी से इस लिस्ट को हटाने की मांग की। जेटली ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के मंत्री और सांसद भी आपस में भिड़े हैं, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं डाला गया है।

Wednesday 7 August 2013

भारतीय चौकी पर हमला, जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिक ढेर!

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे उड़ी सेक्टर में मंगलवार-बुधवार की रात करीब ढाई बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए गोलाबारी की। भारतीय जवानों ने भी पाक गोलाबारी का संयम बरतते हुए जवाब दिया। हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की क्षति होने की अधिकारिक सूचना नहीं है। लेकिन स्थानीय सूत्रों ने दो पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। उधर आज सुबह भारत-पाक के डीजीएमओ स्तर पर बातचीत हुई। भारत की तरफ से पुंछ घटना पर विरोध दर्ज कराया गया । यहां मिली सूचनाओं के मुताबिक, मंगलवार-बुधवार की मध्यरात्रि को करीब ढाई बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने कमलकोट गांव के पास स्थित सैन्य ठिकानों पर हल्के हथियारों के साथ गोलीबारी करते हुए मोर्टार भी दागे। पहले तो भारतीय जवानों ने संयम बनाए रखा। लेकिन जब सरहद पार से दागा गया एक मोर्टार का गोला चौकी के निकट गिरकर फटा तो भारतीय जवानों ने भी अपनी राइफलों के मुंह खोल दिए। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिकों के घायल अथवा मारे जाने की सूचना है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि अपने दो साथियों के मारे अथवा घायल होने के बाद ही पाकिस्तानी सैनिकों की बंदूकें शांत हुई। सीमा पार से गोलीबारी बंद होने के साथ ही भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई रोक दी। अलबत्ता, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने उड़ी सेक्टर में भारतीय जवानों द्वारा पाकिस्तानी ठिकानों पर फायरिंग से इन्कार करते हुए कहा कि तनाव के वाबजूद हमारे जवानों ने संयम बनाए रखा है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत सप्तानह इसी इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों का एक दल एलओसी पर भारतीय इलाके में रैकी के लिए दाखिल हो रहा था। लेकिन भारतीय जवानों ने त्वतरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी सेना की रेकी टीम को वापस भाग दिया था। भारतीय जवानों की इस कार्रवाई में रैकी टीम का एक सदस्य मारा गया था जबकि एक अन्य घायल हो गया था। 

Monday 5 August 2013

हिमाकत: चीनी सैनिकों ने हमारे ही क्षेत्र में हमारे जवानों को गश्‍त करने से रोका!

लेह/नई दिल्ली. चीन के सैनिक भारतीय सीमा में सिर्फ घुसपैठ ही नहीं कर रहे हैं। वे भारतीय जवानों को अपनी ही सीमा में गश्त करने से भी रोक रहे हैं। पिछले सप्ताह लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ऐसी ही घटना हुई है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख के उत्तर में ट्रेड जंक्शन एरिया पर एलएसी से लगती दो पोस्टों के लिए भारतीय सैनिकों ने ‘तिरंगा’ पेट्रोलिंग अभियान चलाया। जब भारतीय जवान इन पोस्टों की तरफ बढ़ रहे थे तो दूसरी तरफ से चीनी सैनिक भारी और हल्के वाहनों से वहां पहुंचे। उनके हाथों में बैनर थे। इन पर लिखा था, ‘यह इलाका चीन का है। आप (भारतीय जवान) इन पोस्टों की तरफ नहीं बढ़ सकते।’ सूत्र बताते हैं ये दोनों पोस्ट एलएसी पर भारतीय सीमा के भीतर हैं। फिर भी चीन के सैनिकों ने आक्रामक तरीके से इन पर अपना हक जताया। उनके मुताबिक इस साल अप्रैल से इन अग्रिम चौकियों के लिए 21 बार अभियान चलाया गया। लेकिन सिर्फ दो बार ही इन तक पहुंचने में सफलता मिली।

Thursday 1 August 2013

गुजरात में मोदी के खिलाफ पनप रहा है \'मौन विद्रोह\'

नई दिल्ली।। गुजरात में मॉनसून आगमन की घोषणा और मूसलाधार बारिश, प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी भी है। बीजेपी जिस शख्स में प्रधानमंत्री की मजबूत दावेदारी देख रही है, प्रदेश में विकास की उसकी 2 छवियां हैं। जुलाई के पहले भारी बारिश के वे दिन और मोटरसाइकल पर सवार हजारों की संख्या में गांव वाले नरेंद्र मोदी की विकास नीतियों के खिलाफ दासदा से सुरेंदरनगर तक लामबंद होते दिखे। ये उत्तरी गुजरात के मंडल-बेचारजी क्षेत्र में 50,880 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित 'स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन' को लेकर मोदी से बेहद खफा हैं।

कच्छ के सिखों को गुजरात छोड़ने का फरमानः वहीं कच्छ में मोदी की 'दमनकारी' नीतियों से सिख समुदाय में भी जबर्दस्त गुस्सा है। कच्छ के सिख समुदाय को गुजराती न होने के कारण जमीन बेचकर पंजाब चले जाने को कहा गया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) ने भी अपनी रिपोर्ट में भी यह बात मानी है। आयोग ने गुजरात के कच्छ में सिख समुदाय के 500 लोगों के साथ भेदभाव की बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने उनसे कहा गया कि वे गुजराती नहीं हैं, इसलिए अपनी जमीन बेचकर पंजाब चले जाएं। इसके लिए बॉम्बे टेनेंसी ऐंड ऐग्रिकल्चरल लैंड ऐक्ट 1948 का हवाला दिया गया।

कमिशन के सदस्य अजायब सिंह 24 से 28 जून को इलाके के दौरे का बाद अपनी यह रिपोर्ट फाइल की थी। सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है,'गुजरात के अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकित करना मोदी की आदत में शुमार रहा है और इस केस में कच्छ के सिख परिवारों को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।'

बेचारजी इलाके में तो विरोध की बगावती आवाज घरों की दीवारों पर उकेर दी गई है। दीवारों पर लिखे इन आवाजों को पढ़ने की कोशिश करेंगे तो इनके तेवर बेहद तल्ख हैं। सरकार और कंपनी के लिए दो टूक अल्फाज में संदेश है कि हमारी जमीन पर हमारा हक है और हम किसी की नजर बर्दाश्त नहीं कर सकते। दालोद, वानोद और हंसलपुर गांव के ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज के साथ पूरी तरह से लामबंद हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जनता ने मुझे लगातार 3 बार भारी बहुमत गुजरात की कमान सौंपी है जो कि विकास के गुजराती मॉडल पर मुहर है। मोदी की यह दबंग शैली उनकी पहचान है।

हाल ही में नरेंद्र मोदी ने विदेशी न्यूज एजेंसी रॉयटर से एक विवादित इंटरव्यू में कहा था, 'इंडिया में बहुआयामी लोकतांत्रिक सिस्टम है, जहां कई सियासी जमातों की मौजूदगी विविध मतों के साथ है। यदि कोई हमें दो तिहाई बहुमत से तीन बार चुनता है, इसी से साफ होता जाता है कि लोग किस सच को महसूस करते हैं। हाल ही में गुजरात के विकास के पर उनके समर्थकों और आलोचकों में बहस भी हुई। आलोचकों का कहना है कि गुजरात समावेशी विकास की राह पर नहीं है। ऐसा दुनिया के जाने-माने इकॉनमिस्ट और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन का भी कहना है। अमर्त्य सेन ने कहा था कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद के लिए फिट नहीं हैं, क्योंकि अल्पसंख्यकों और सोशल डिवेलपमेंट में इनका बेहद खराब परफॉर्मेंस हैं।

दूसरी तरफ, चर्चित इकॉनमिस्ट जगदीश भगवती मोदी के डिवेलपमेंट मॉडल से इत्तेफाक रखते हैं। अर्थशास्त्री अरविंद पनगरिया ने भी नरेंद्र मोदी के डिवेलपमेंट मॉडल से सहमति जतायी है। गौरतलब है कि तीनों भारतीय मूल के अर्थशास्त्री कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कॉलिग्स हैं। अमर्त्य सेन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि गुजरात में एजुकेशन और हेल्थकेयर की स्थिति बेहद निराशजनक है। नरेंद्र मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरी तरफ मोदी को इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट पर भी ध्यान देना चाहिए। वहीं भगवती और पनगरिया ने मोदी की कई क्षेत्रों में विकास के लिए तारीफ की।

इन दोनों अर्थशास्त्रियों ने कहा कि गुजरात में हाई ग्रोथ रेट के साथ प्रति व्यक्ति आय भी संतुलित गति के साथ बढ़ी है। इस कवायद से गुजरात राजस्व बढ़ाने में सफल रहा है। इसके साथ ही गुजरात में गुड गवर्नेंस का भी माहौल है। पनगरिया और भगवती ने मोदी की विकास नीति की कई आयामों को लेकर जमकर तारीफ की थी।

गुजरात इंस्टिट्यूट ऑफ डिवेलपमेंट रिसर्च की डायरेक्टर अमिता शाह का कहना है कि गुजरात में हुए विकास पर कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है। अमिता ने कहा, 'पांच साल पहले राज्य की औसत ग्रोथ जीडीपी में 2.8% थी। मोदी के कार्यकाल 2002-03 और 2011-12 के बीच 10.3% पहुंच गई। सिर्फ 3 छोटे राज्य सिक्कीम, उत्तराखंड और दिल्ली की औसत ग्रोथ ज्यादा तेज है। गुजरात राष्ट्रीय औसत ग्रोथ (7.9%) से आगे है। महाराष्ट्र फैक्ट्री उत्पादन और ऐग्रिकल्चर ग्रोथ के साथ बिजली सुधार के मामले में गुजरात से आगे है। वहीं गुजरात सोशल डिवेलपमेंट के क्षेत्र में जूझ रहा है। खास करके महिला, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी और मजदूरी पर बहुत कम काम हुए हैं। गुजरात में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या महज 918 है जो राष्ट्रीय औसत 940 से कम है। शिशु मृत्यु दर के मामले में भी गुजरात का बेहद खराब रेकॉर्ड है। आर्थिक प्रगति के मामले में चौथे पायदान पर गुजरात गरीबी खत्म करने के मामले में 12वें नंबर पर है। अपर प्राइमरी स्कूल ड्रॉपआउट औसत कर्नाटक के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है। गुजरात में स्कूल ड्रॉपआउट औसत 29.3 फीसदी है।