Friday 11 October 2013

मलाला को नहीं मिला शांति का नोबल पुरूस्कार


न्यूयॉर्क: तालिबान से ल़डने वाली मलाला को शांति का नोबल पुरस्कार नहीं मिला है. केमिकल हथियारों के खिलाफ लड़ने वाली OPCW नाम की संस्था को इस साल का शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया है. इससे पहले मलाला यूसुफजई ने कहा था कि वह अपनी आदर्श बेनजीर भुट्टो के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री बनना चाहती है और इस पद का इस्तेमाल अपने देश की सेवा करने के लिए करना चाहती हैं. इस साल शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की शीर्ष दावेदार मलाला ने उस दिन के बारे में बात की जब तालिबान के बंदूकधारी उसकी स्कूल बस में चढ गए थे और उसके सिर पर गोली मारी थी. मलाला ने नोबल के लिए शीर्ष दावेदार होने संबंधी विचारों के बारे में भी बात की. मलाला पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर को अपने आदर्शों में से एक मानती है और उसका कहना है कि वह उन्हें सबसे ज्यादा पसंद करती हैं. मलाला ने कहा कि वह भविष्य में अपने देश का नेतृत्व करना चाहती है और राजनीति उसे अपने देश की सेवा करने का मंच मुहैया कराएगी. उसने कहा कि वह पहले चिकित्सक बनने का सपना देखा करती थी लेकिन अब वह राजनीति में आना चाहती है. मलाला ने कहा कि तालिबान के हमले का शिकार बनने और मौत का सामना करने के बावजूद उसने सपने देखना बंद नहीं किया है और वह शिक्षा के लिए काम करना चाहती है. मलाला ने कहा,"तालिबान मेरे शरीर को गोली मार सकता है लेकिन वे मेरे सपनों को नहीं मार सकते." उसने कहा कि तालिबान ने उसे मारने और चुप कराने की कोशिश करके अपनी ‘सबसे बड़ी’ गलती की है.

Wednesday 9 October 2013

अब सीबीआई खोलेगी नागर स्कैंडल की परतें

जयपुर। राजस्थान के पूर्व डेयरी मंत्री बाबूलाल नागर पर लगे बलात्कार के आरोपों की जांच का जिम्मा अब केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने संभाल लिया है। ब्यूरो सूत्रों के अनुसार राजस्थान सरकार के आग्रह और केन्द्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद सीबीआई ने बुधवार को एक मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि एक युवती की ओर से पूर्व मंत्री नागर पर सरकारी बंगले में दुष्कर्म के आरोप लगाए गए थे। सीबीआई से पूर्व इस मामले की जांच सीआईडी-सीबी कर रही थी। जांच के दौरान ही बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे राजस्थान के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई के सूत्रों के अनुसाार जांच एजेंसी ने 35 साल की युवती के यौन उत्पीडन के आरोपों के मद्देनजर जांच एजेंसी ने इस सिलसिले में राज्य के पूर्व डेयरी खादी एवं ग्रामीण उद्योग मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं(323 और 376) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस सिलसिले में जल्द ही नागर से पूछताछ करेगी।

Monday 7 October 2013

रेलवे ने काटी आम आदमी की जेब, 95 रुपये तक बढ़ाया किराया

ईधन समायोजन घटक लागू होने से सोमवार सात अक्टूबर से मेल/एक्सप्रेस, शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के किरायों में पांच रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि होगी। इसके अलावा दूरंतो ट्रेनों का किराया राजधानी/शताब्दी ट्रेनों के बराबर हो जाएगा और इसमें 100-120 रुपये तक का अतिरिक्त इजाफा होगा। पढ़ें: कामचलाऊ अफसरों के बूते रेल चला रही सरकार द्वितीय श्रेणी साधारण दर्जे (गैर उपनगरीय) के किरायों में चुनिंदा दूरियों के लिए पांच रुपये तक की वृद्धि होगी। जबकि बाकी सभी दर्जो (स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी, फ‌र्स्ट एसी और एसी चेयरकार) के किरायों में 10 रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि की जा रही है। इससे वित्त वर्ष के बाकी छह महीनों में रेलवे को तकरीबन 450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की संभावना है। द्वितीय श्रेणी के उपनगरीय और मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) के किरायों को एफएसी की वृद्धि से मुक्त रखा गया है। एफएसी के अनुसार किरायों में अगली समीक्षा अब अप्रैल में होगी। वहीं मालभाड़ों पर एफएसी के दूसरे पुनरीक्षण के तहत की जाने वाली 1.7 फीसद की वृद्धि 10 अक्टूबर से लागू होगी। आपको बता दें कि अभी पहली अक्टूबर से ही व्यस्त मौसम अधिभार के तहत मालभाड़ों में 15 फीसद तक की वृद्धि की गई थी। एफएसी के तहत की जाने वाली एक और मालभाड़ा बढ़ोतरी से रेलवे को अगले छह महीनों के दौरान तकरीबन 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है। रेल मंत्रालय के अनुसार एफएसी की ताजा गणना में फरवरी से जुलाई 2013 तक की अवधि की ईधन की महंगाई को ही जोड़ा गया है। इस दौरान डीजल कीमतों में 7.3 फीसद, जबकि बिजली की दरों में 15.5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। चूंकि इसे वहन करना रेलवे के लिए संभव नहीं था। इसीलिए एफएसी के तहत इस बार किराये और भाड़े दोनों बढ़ाए जा गए हैं। चालू वित्त वर्ष 2013-14 के रेल बजट में रेलमंत्री पवन बंसल ने एलान किया था कि अब ईधन की कीमतों के हिसाब से रेलवे की लागतों में ईधन समायोजन घटक (एफएसी) को जोड़ा जाएगा और उसी हिसाब से हर छह महीने में किराये-भाड़े में वृद्धि या कमी हुआ करेगी। अप्रैल में एफएसी के तहत माल भाड़े तो बढ़ा दिए गए थे। लेकिन किरायों में वृद्धि को अक्टूबर से लागू करने का निर्णय हुआ था। इसी के तहत रेलवे ने यात्री किरायों में भी पहली बार एफएसी को लागू करने का निर्णय ले लिया है। किरायों में दो फीसद तक की बढ़ोतरी की गई है। दूसरी ओर मालभाड़ों की एफएसी के तहत दूसरी बार समीक्षा हुई है। परिणामस्वरूप इनमें भी 1.7 फीसद की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। ***** ''किराये-भाड़े में इस बढ़ोतरी से जनता पर 1,150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। यह आम आदमी के साथ धोखा है। सरकार इस बढ़ोतरी को तुरंत वापस ले।'' - जयललिता, मुख्यमंत्री तमिलनाडु 

Thursday 3 October 2013

राहुल गांधी पहुँचे अहमदाबाद से सीधे गांधी आश्रम

अहमदाबाद. कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी गुरुवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे. वे दो दिवसीय गुजरात की यात्रा पर हैं. राहुल अहमदाबाद एयरपोर्ट से सीधे गांधी आश्रम पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. राहुल गांधी को स्वागत करने एयरपोर्ट पर भी कांग्रेसी नेताओं की भारी भीड़ जमा थी. राहुल गांधी सुबह 10 बजे गांधी आश्रम पहुंचे. यहां उन्होंने गांधीजी की पुरानी तस्वीरों सहित उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली चीजों को निहारा और आश्रम के लोगों से गांधीजी के बारे में बातचीत भी की. उन्होंने गांधी आश्रम की विजिटर्स की डायरी में अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा.. ‘गांधी आश्रम में आना मेरे लिए गौरव की बात है. मैं महात्मा गांधी और उनके विचारों का अनुयायी हूं. थैंक्स.’ हालांकि वे आश्रम में 15-20 मिनट ही रुके और फिर कांग्रेस भवन की ओर निकल पड़े. गांधी आश्रम से कांग्रेस भवन जाते समय राहुल एक स्कूल में भी पहुंचे और बच्चों से बातचीत की. अपनी दो दिन की गुजरात यात्रा के दौरान राहुल अहमदाबाद के अलावा राजकोट भी जाएंगे, जहां वह कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी को लेकर बैठक करेंगे. अपनी यात्रा के दौरान राहुल नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा पंचायत स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे. गौरतलब है कि मोदी को बीजेपी का पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राहुल गांधी पहली बार गुजरात के दौरे पर हैं. राहुल गांधी आज अहमदाबाद में एनएसयूआई की एक सभा को संबोधित करेंगे.

Monday 23 September 2013

चिदंबरम ने मोदी पर साधा निशाना तो यशवंत सिन्हा ने किया पलटवार

नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम यूपीए सरकार का वाक युद्ध लंबे समय से देखा जा रहा है। कभी नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं तो कभी सरकार का कोई मंत्री उनकी बातों का एनकाउंटर करता है। ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता। इसी कड़ी में आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पहले मोदी पर हमला बोला, फिर चिदंबरम की बातों को काटते हुए बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने बयान दिया। चिदंबरम ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री तथ्यों के साथ फर्जी एनकाउंटर करते हैं। गौरतलब है कि मोदी ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में देश की विकास दर सबसे ज्यादा थी। चिदंबरम ने एक बयान में कहा, 'समझ नहीं आता कि नरेंद्र मोदी तथ्यों के साथ फर्जी एनकाउंटर क्यों करते हैं। अंतत: तथ्य सामने आ ही जाते हैं।' उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय देश की औसत विकास दर 6 फीसद थी। रविवार को मोदी ने कहा था, 'मैं अपने कांग्रेस मित्रों को कहना चाहता हूं कि आप इस बात पर सहमत होंगे कि वाजपेयी सरकार के समय 8.4 फीसद की विकास दर थी लेकिन आज इस सरकार के तहत 4.8 फीसद है।' पी. चिदंबरम के बयान पर तत्काल प्रक्रिया देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि चिदंबरम तथ्यों के साथ आतंकवाद करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मोदी फेंकू हैं तो चिदंबरम सुपर फेंकू। मोदी के इस दावे पर हमला करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यूपीए 1 के कार्यकाल के दौरान औसत विकास दर 8.4 फीसद थी। अगर स्वर्णिम काल था तो वह यूपीए 1 के दौरान ही था। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि दशक के दो साल सबसे ज्यादा खराब रहे एक 2001-02 (4.3 फीसद) और 2002-03 (4 फीसद)। इन दोनों सालों में बीजेपी की सरकार रही।

Thursday 19 September 2013

दो-तीन सप्ताह में नीचे आएंगे प्याज के दाम: शरद पवार

कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि प्याज कीमतों में दो-तीन सप्ताह में महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से नई फसल की आवक शुरू होने के बाद गिरावट आएगी। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। पवार ने साक्षात्कार में कहा कि किसानों और व्यापारियों से बात करने के बाद मेरा अपना आकलन है कि अगले दो-तीन सप्ताह में नई खरीफ फसल की आवक में उल्लेखनीय रूप से इजाफा होगा जिससे प्याज कीमतों में गिरावट आएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि सीमित मात्रा में आयातित प्याज के आने तथा न्यूनतम निर्यात मूल्य फिर से लगाए जाने के बाद प्याज का निर्यात घटा है जिससे आपूर्ति की स्थिति में भी सुधार होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में प्याज की जमाखोरी के लिए उनका दल जिम्मेदार नहीं है। महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है जो अधिकतम फसल का भंडारण करता है जिसका इस्तेमाल कम उपलब्धता के दिनों में होता है। देश के थोक और खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतों में काफी तेजी आई है। राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है। एक साल पहले इसका दाम 22 रुपये किलो था। पवार ने कहा कि प्याज कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ी है, जबकि अन्य खाद्य वस्तुओं मसलन चावल और गेहूं के दाम स्थिर बने हुए हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि भारी बारिश की वजह से प्याज कीमतों पर दबाव है। आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक में खरीफ फसल को निकालने का काम शुरू हो गया है, लेकिन बारिश की वजह से इसके परिवहन में दिक्कत आ रही है।

Monday 16 September 2013

आडवाणी ने की मोदी की जमकर तारीफ, नाराजगी हुई खत्म!

कोरबा। भाजपा में नरेंद्र मोदी को पीएम प्रत्याशी चुने जाने से नाराज चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सोमवार को कोरबा की एक रैली में मोदी की तारीफ करते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने जिस तरह से पूरे प्रदेश में विकास किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने पूरे प्रदेश में बिजली की आपूर्ति सुचारू करने के लिए भी मोदी को बधाई भी दी। आज की इस रैली से आडवाणी ने जिस तरह से नाराजगी खत्म होने के संकेत दिए हैं वह पार्टी के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। कोबरा की रैली को संबोधित करते हुए जैसे ही उनके मुंह से नरेंद्र मोदी का नाम निकला तो वहां मौजूद लोगों ने भी शोर कर इसका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की भी जमकर तारीफ की। राज्य में हुए विकास को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाई। उन्होंने प्रदेश की सरकारों को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी और कदम उठाए जाने की कोशिशों पर जोर दिया। आडवाणी ने कहा कि मौजूदा समय में आईटी के क्षेत्र में भी बेहद ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने वहां मौजूद बच्चों को भी इस ओर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने इंटरनेट के अविष्कार को सदी का सबसे बड़ा अविष्कार बताते हुए कहा कि बच्चों को इससे ज्यादा से ज्यादा जुड़ना चाहिए। भाजपा ने देश का ध्यान भटकाया : नीतीशवहीं, दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर देश का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। नीतीश ने कहा कि भाजपा ने देश का ध्यान भटकाने का काम किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष का नुकसान भी हुआ है। नीतीश ने लालू प्रसाद यादव और भाजपा के बीच अंदर से गठजोड़ का आरोप भी लगाया।

Thursday 5 September 2013

2017 तक गुजरात की करूंगा सेवा, PM नहीं बनना: मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी 2017 तक गुजरात के लोगों की सेवा करने की योजना है। अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार माने जा रहे मोदी ने कहा कि मैं 2017 तक अपने लोगों की सेवा करूंगा। वर्ष 2012 में पांच साल के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर दोबारा निर्वाचित हुए मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों के एक समूह के समक्ष यह बात कही।

Tuesday 3 September 2013

सेवादार शिवा का खुलासा, लड़कियों से अकेले में मिलते थे आसाराम

आसाराम और उनके वफादारों पर जैसे जैसे शिकंजा कसता जा रहा है वैसे ही रोज नए-नए राज खुलते जा रहे हैं। मंगलवार को जब पुलिस ने आसाराम के खास सेवक शिवा से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने कई राज खोले। सेवादार शिवा ने बताया कि आसाराम लड़कियों से अकेले में ही मिलते थे। कहा तो यहां तक जा रहा है कि शिवा रात के समय उस कुटिया के बाहर चौकीदारी करता था, जिसमें आसाराम महिलाओं के साथ मौजूद होते थे। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि वॉर्डन शिल्पी नियमित रूप से छात्राओं एवं अन्य महिलाओं को आसाराम के पास भेजती थी। खुद शिल्पी के कई वर्षो तक आसाराम के साथ संबंध रहे हैं। शिल्पी के कार्यकुशलता से खुश होकर आसाराम ने उसे गुरुकुल की वॉर्डन बनाने के साथ ही अहमदाबाद और दिल्ली में घर दिलवाया गया था। वहीं, आसाराम के वकील ने लड़की को बालिग बताते हुए कहा कि उसकी उम्र की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल में दर्ज उसकी जन्मतिथि गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम को जेल का खाना नहीं दिया जाना चाहिए और उन्हें पूजा पाठ का सामान लाने की अनुमति मिलनी चाहिए। गौरतलब है कि आज आसाराम की जमानत पर सुनवाई होनी है।

Wednesday 28 August 2013

नरेंद्र मोदी से मिले जेडीयू सांसद निषाद, PM के तौर पर किया समर्थन

जेडीयू ने भले ही बीजेपी से रिश्ता तोड़ लिया है, लेकिन उसके कुछ नेता अभी मोदी-मोह नहीं छोड़ पा रहे. बिहार के मुजफ्फरपुर के जेडीयू सांसद जयनारायण प्रसाद ’निषाद’ ने हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री के दावेदार के तौर पर उनका पुरजोर समर्थन किया. निषाद ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, 'तीन दिन पहले मैंने नरेंद्र मोदी से उनके गांधीनगर दफ्तर में मुलाकात की थी और हमने बिहार के और देश के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की.' निषाद इससे पहले भी मोदी के प्रति समर्थन जता चुके हैं और इसी साल मार्च में उनके लिए यज्ञ भी करवा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तरह से मोदी जी ने गुजरात की जनता की सेवा की है, वह देश की गरीब जनता की सेवा के लिए सबसे उचित दावेदार हैं. देश का अगला प्रधानमंत्री उन्हें ही बनना चाहिए.' जेडीयू की ओर से किसी तरह की कार्रवाई की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, ' मैं पहले भी मैं पांच बार पार्टी बदल चुका हूं और फिर भी मैं पांच बार मुजफ्फरपुर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुआ. इसलिए मुझे इस बात का कोई डर नहीं है कि कोई भी पार्टी मेरे खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी.' जेडीयू ने मोदी की वजह से ही भाजपा से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ा है. रिश्ते में दरार आने के बाद कभी गलबहियां करने वाले बीजेपी और जेडीयू के नेता अब एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं. ऐसे में निषाद की यह मुलाकात जेडीयू में बगावत के बीज बो सकती है.

Tuesday 27 August 2013

गिरफ्तारी के डर से ध्यान में चले गए आसाराम!

नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोपों से घिरे धार्मिक गुरू आसाराम बापू को समन देने के लिए जोधपुर पुलिस का दो सदस्यीय दल इंदौर स्थित आश्रम पहुंचा, लेकिन आसाराम ने समन लेने से मना कर दिया. जानकारी के मुताबिक, उनके आश्रम के अधिकारी ने समन लेने से मना कर दिया और कहा कि बापू ध्यान में चले गए हैं. भवरकुंआ पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जोधपुर पुलिस के दल में एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नोटिस बापू को अबतक थामाया नहीं जा सका है. आश्रम के लोगों का कहना है कि आसाराम बापू फिलहाल ध्यान में हैं. विदेश भागेंगे आसाराम? लुक आउट सर्कुलर होगा जारी उधर, इन सबके बावजूद आसाराम की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं. जोधपुर पुलिस आसाराम पर देश छोड़ने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए पुलिस आसाराम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि इस नोटिस में आसाराम बापू से कहा गया है कि वे नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन शोषण के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर हों. 30 अगस्त या उससे पहले उन्हें अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है. पुलिस पर उठने लगे सवाल आसाराम के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज हुए सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी तो दूर अभी तक पूछताछ के लिए समन थमाने का दौर ही चल रहा है. कभी पुलिस आसाराम से रेप की धारा हटाने की बात कहती है तो कभी इससे मुकरती है. अब पुलिस के टालमटोल रवैये से उस पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या वो आसाराम के प्रति नरम रवैया अपना रही है. आसाराम के खिलाफ नेता भी कूदे, आतंकी हाफिज सईद से तुलना वहीं दूसरी तरफ, राजनीतिक दल भी आसाराम के खिलाफ आ गए हैं और उनकी तुलना पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद से की जा रही है. सोमवार को जहां संसद में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने आसाराम के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग उठाई. वहीं, मंगलवार को उनकी ही पार्टी के सांसद अली अनवर ने आसाराम की तुलना हाफिज सईद से कर डाली. राजस्थान सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि “हिंदुस्तान की सरकार ऐसे आदमी पर कार्रवाई करने से डर रही है, जो अनाप-शनाप बोलता है. जिस पर नाबालिग से रेप करने का आरोप है. ऐसे लोगों पर आप हाथ नहीं लगा पा रहे हैं और हाफिज सईद के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं. ये तो वही हुआ ना, जो गति मोरि, वो गति तोरि”. एसपी ने भी आसाराम पर करारा प्रहार किया. पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'आसाराम कोई संत या महात्मा नहीं है, सिर्फ कथावाचक है. राजस्थान पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है ये समझ के बाहर है. पुलिस को कानून के तहत काम करना चाहिए.' इधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'चाहे वो आसाराम हो या फिर कोई और संत हो, महंत हो, राजनेता हो या फिर उद्योगपति. अगर इस प्रकार की घटना हुई है तो कानून सबके लिए एक समान है. पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.' इस मामले पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. गौर करने वाली बात ये भी है कि उमा भारती और उनकी ही पार्टी के कई अन्य नेता आसाराम का बचाव कर चुके हैं. सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने मंगलवार को फिर आसाराम पर हमला बोला. उन्होंने कहा, आसाराम ने जो किया वो शर्मनाक है. उन्हें तो फांसी होनी चाहिए

Monday 26 August 2013

उत्तर प्रदेश: विहिप का जोरदार प्रदर्शन... पुलिस के छूटे पसीने

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की 84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत के दौरान रविवार को हुई प्रमुख संतों की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में विहिप कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। विहिप के प्रदर्शन को देखते हुए पूरे प्रदेश में पहले ही अलर्ट जारी किया जा चुका है। उप्र में मेरठ, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर में विहिप कार्यकर्ताओं ने संतों की गिरफ्तारी के विरेाध में जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका। इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तार किए गए संतों और विहिप नेताओं की रिहाई की मांग की। विहिप के कार्यकर्ता सोमवार सुबह से ही वाराणसी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन को लेकर कई जगह यातयात जाम की भी समस्या सामने आई। विहिप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। मेरठ में विहिप कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रशासन ने प्रदर्शन को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। हालांकि यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इसी तरह कई शहरों में विहिप के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आगरा, झांसी, बांदा और चित्रकूट में भी विहिप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। अयोध्या और फैजाबाद में हालांकि प्रदर्शन का खास असर देखने को नहीं मिला क्योंकि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक सिंघल को रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें उन्नाव के पक्षी विहार में रखा गया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिम्या, राम विलास वेदांती और पूर्व विधायक लल्लू सिंह को गिरफ्तार कर अन्य जिलों की जेलों में रखा गया है।

Saturday 24 August 2013

भारत को अच्‍छा प्रधानमंत्री मिलना असंभव हैं: अन्‍ना हजारे

अमेरिका की मेरीलैंड यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों को संबोधित करते हुए अन्‍ना हजारे ने कहा है कि भारत में चुनावी व्‍यवस्‍था पर राजनीतिक पार्टियों को आधिपत्‍य बना हुआ है और ये राजनीतिक पार्टियां तो संविधान की मूल भावना के खिलाफ ही काम करती हैं। इसलिए जरूरी है कि देश के राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव पूरे देश की जनता द्वारा किया जाना चाहिए लेकिन अगर यही हालात रहे तो भारत को अच्‍छा प्रधानमंत्री नहीं मिल सकता है। राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी में से कौन भारत का बेहतर प्रधानमंत्री साबित होगा इस पर उन्‍होने कहा कि यह दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ही प्रतिनिधित्‍व करते हैं अत: मुझे लगता है कि इन दोनों में ही प्रधानमंत्री बनने की योग्‍यता नहीं है। अन्‍ना ने कहा है कि आज जरूरत है कि देश में प्रधानमंत्री और राष्‍ट्रपति का सीधे तौर पर चुनाव किया जाये।अन्‍ना के साथ ही मौजूद पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने कहा कि देश तबाही के मुहाने पर खड़ा हुआ है, इसलिए जरूरी है कि कार्रवाई की जाय। उन्‍होने अपील की है कि युवाओं को आगे आना चाहिए और अन्‍ना के हाथों को मजबूत करना चाहिए। अन्‍ना हजारे इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं, उन्‍हें पिछले दिनों इंडिया डे परेड में मुख्‍य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इंडिया डे परेड हर साल अमेरिका में रहने वाले भारतीयों द्वारा आयोजित की जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए भारत की कई प्रमुख हस्तियां जाती हैं।

Thursday 22 August 2013

उमा भारती ने किया आसाराम बापू का बचाव


एक तरफ यौन शोषण के आरोप में आसाराम बापू पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही हैं, वहीं दूसरी तरफ जांच पड़ताल पूरी होने के पहले ही बीजेपी की नेता उमा भारती ने उन्हें पाक साफ बता दिया है। उन्होंने तो यह भी कह दिया है कि आसाराम को सोनिया और राहुल के इशारे पर फंसाया जा रहा है। उमा भारती ने कहा कि संत आसाराम बापू निर्दोष हैं। सोनिया गांधी के विरोध की उनको सजा मिली है। कांग्रेस शासित राज्य में उन पर झूठा केस दर्ज किया है। उमा भारती संत आसाराम बापू के बचाव में उतर आई है। रेप जैसे गंभीर आरोप लगने के बाद उमा भारती ने इस पूरे मामले को कांग्रेस की साजिश करार दिया है। संत के बचाव में उतरीं उमा भारती ने आसाराम बापू निर्दोष करार दिया हैं। एक किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में इस किशोरी ने कहा है कि आसाराम ने उसके साथ राजस्थान के जोधपुर स्थित आश्रम में बलात्कार किया। मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। किशोरी ने 74 वर्षीय आसाराम पर बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है। दिल्ली पुलिस ने मामला जोधपुर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि आसाराम के आश्रम की ओर से आरोपों से इऩकार किया गया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी ने मंगलवार को दिल्ली के कमला मार्केट थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

Wednesday 21 August 2013

आतंकी टुंडा पर हिंदू सेना का हमला, थप्पड़ जड़ा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के गिरफ्त में आया आइएसआइ का खासम-खास आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी से पहले हिंदू सेना के दो युवकों ने हमला कर दिया, जिसमें से एक ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। टुंडा पर हमला करने वाले शख्स हिरासत में ले लिए गए हैं। भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किए गए आंतकी टुंडा को दिल्ली पुलिस ने तीन दिन की रिमांड पर भेजा था। पेशी के बाद कोर्ट ने टुंडा को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने टुंडा से संबंधित कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस ने पता लगाया है कि टुंडा के संपर्क अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाउद से भी थे। यही नहीं टुंडा ने कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले दिल्ली को दहलाने की साजिश भी बनाई थी, जिसपर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नाकाम कर दिया। पुलिस ने उम्मीद लगाई है कि टुंडा की गिरफ्तारी से उन्हें देश में चल रही आतंकी गतिविधियों के कई सुराग मिल सकेंगे। पाकिस्तान में टुंडा के व्यापक सम्पर्क को देखते हुए जांच एजेंसियों का पहला जोर आतंकियों से उसके रिश्तों की पड़ताल पर होगा। साथ ही यह भी कोशिश होगी कि यूपी के विभिन्न अंचलों से फरार आतंक के आरोपी कहां-कहां पनाह लिए हैं। गौरतलब है कि टुंडा हापुड़ जिले के पिलखुआ गांव का रहने वाला है। पाकिस्तान में बसने के बाद भी उसका नेटवर्क भारत से टूटा नहीं। यूपी में काम कर रही एनआइए और एटीएस टुंडा से पूछताछ की तैयारी में हैं। संभव है कि यूपी के किसी पुराने मुकदमे में टुंडा को रिमांड पर लाया जाए या फिर टीम दिल्ली में जाकर उससे पूछताछ कर सकती है। इसका सबसे खास मकसद उन फरार आतंक के आरोपियों का पता करना है, जिनसे टुंडा के तार जुड़े हो सकते हैं। फरार आरोपियों पर एनआइए ने लाखों के इनाम रखे हैं, लेकिन उनकी सुरागरसी तक नहीं हो सकी है। अब जबकि टुंडा शिकंजे में है तो उससे कई सच उगलवाने की कोशिश होगी।

Monday 19 August 2013

बिहार: राज्यरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 कांवड़ियों की मौत

बिहार के खगड़िया जिले के समस्तीपुर डिविजन के भमारा रेलवे स्टेशन के पास सोमवार की सुबह राज्यरानी एक्सप्रेस से कटकर 20 कांवड़ियों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि रेलवे ट्रैक पार करते समय तीर्थयात्री ट्रेन की चपेट में आ गए। मेडिकल वैन को घटनास्थल पर भेजा गया है। दुर्घटना के बाद रेल सेवा पूरी तरह रद्द कर दी गई है। रेल सूत्रों के मुताबिक ट्रेन सहरसा से पटना जा रही थी। यह हादसा बदला और धमारा घाट के बीच हुआ है। गुस्साए लोगों ने दुर्घटना के बाद ट्रेन पर पत्थर फेंके। ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी और ड्राइवर को बंधक बना लिया। हालांकि अब तक मंत्रालय की ओर से ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

Tuesday 13 August 2013

2002 में नरेंद्र मोदी की भूमिका पर उमर की जानकारी तथ्यात्मक नहीं : बीजेपी


नई दिल्ली: किश्तवाड़ हिंसा पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीजेपी पर कटाक्ष के जवाब में बीजेपी ने उमर को तथ्यों में सुधार का सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात के 2002 के दंगों के मामले में नरेंद्र मोदी की भूमिका के बारे में उनकी जानकारी गलत तथ्यों पर आधारित है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने अपने ट्वीट में कहा है कि 28 फरवरी 2002 को गुजरात में दंगे भड़के और 1 मार्च को सेना तैनात हो चुकी थी। साथ ही उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को दंगों के तुरंत बाद ही उसी दिन सेना को तैनात जाने के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के उस बयान कि 2002 में मोदी को कुछ दिन लग गए थे सेना को तैनात करने में, कहा कि 28 फरवरी के बाद 1 मार्च ही आता है और बीच में एक भी दिन नहीं है। गौरतलब हैकि किश्तवाड़ हिंसा की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी थी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को रविवार को किश्तवाड़ जाने से रोके जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार की आलोचना की और हिंसा को लेकर उमर अब्दुल्ला सरकार पर निशाना साधा था। उल्लेखनीय है कि इस हिंसा के मामले में दो पुलिसवालों सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी की गई है और छह जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, इस मामले को लेकर आरोप लगाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के गृह राज्यमंत्री सज्जाद किचलू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि किचलू ने किश्तवाड़ हिंसा को बढ़ावा दी। हालांकि किचलू ने बीजेपी के आरोपों को निराधार बताया। किचलू के इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था... क्या बीजेपी 2002 याद करेगी... क्या जेटली संसद को यह बताने का कष्ट करेंगे कि 2002 में क्या गुजरात के गृहमंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा देने की पेशकश भी की थी या नहीं...बीजेपी ऐसा नहीं कर सकती, क्योंकि उनके पीएम बनने के उम्मीदवार ने कई दिनों तक सेना को बुलाने का इंतजार किया था और अब तक माफी नहीं मांगी है। किश्तवाड़ हिंसा के मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, यह काफी गंभीर मामला है। वहां सामुदायिक रिश्ते काफी सौहार्दपूर्ण थे। पिछले कुछ दिनों में किश्तवाड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां बढ़ीं। उन्होंने कहा कि असहाय लोग मदद की गुहार लगा रहे थे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जिला प्रशासन ने भी कोई कदम नहीं उठाया। सैकड़ों दुकानों में आग लगा दी गई, घरों में तोड़फोड़ की गई और लोग जख्मी हुए। जेटली ने कहा कि सेना बुलाने में जानबूझकर देरी की गई और हालात को बिगड़ने दिया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य किसी एक परिवार की जागीर नहीं है। यह भारत का अभिन्न अंग है और आपको तय करना होगा कि यहां कैसे शासन चलाया जाना है। जेटली ने कहा कि किश्तवाड़ में मिश्रित समुदाय रहते हैं और उनके बीच आपसी भाईचारा का इतिहास रहा है। लेकिन ईद के दिन किश्तवाड़ में लोग प्रदर्शन के रूप में जुट गए और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाया गया।
इन घटनाओं के बारे में प्रधानमंत्री को भी सूचित किया गया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा आसपास के क्षेत्र में मीडिया सहित किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं देने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि क्या हम इस तरह की शुतुरमुर्ग वाली नीति अपना कर सूचनाओं को छिपा सकते हैं। उन्हें किश्तवाड़ जाने की इजाजत नहीं दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मेरे साथ जो हुआ, वह गौण बात है, लेकिन क्या सभी के साथ यह होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर किसी परिवार की संपत्ति नहीं है। जेटली ने कहा कि क्या बीजेपी शासित राज्यों में कभी ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मीडिया भी दोहरे मापदंड अपना रहा है। विपक्ष के नेता ने पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग करते हुए मृतकों एवं घायलों को मुआवजा दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। इस बीच, गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने बताया कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर सरकार से किश्तवाड़ में हुई झड़प के बारे में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उमर ने घोषणा की कि उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस जांच का नेतृत्व करेंगे और समय सीमा के अंदर जांच पूरी होगी।

Saturday 10 August 2013

बाज नहीं आ रहा पाक, भारतीय चौकियों पर फिर फायरिंग

पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर गोलीबारी कर एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इससे चार दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल के हमले में पांच भारतीय जवान शहीद हुए थे। रक्षा विभाग के प्रवक्ता एसएन आचार्य ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार रात 10 बजकर 20 मिनट के करीब पुंछ जिले के दुर्गा बटालियन इलाके में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने छोटे और स्वचालित हथियारों से रात 10 बजकर 50 मिनट तक गोलीबारी की। उन्होंने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। आचार्य ने कहा कि भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी के दौरान किसी प्रकार के जान-माल की हानि नहीं हुई। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना के नेतृत्व में 20 हथियारबंद लोगों के समूह ने छह अगस्त को पुंछ सेक्टर में भारत की सीमा में 450 मीटर तक प्रवेश करके घात लगाकर हमला किया था जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। रक्षा मंत्री एंटनी ने इस जघन्य कृत्य के लिए पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराया था और चेतावनी भी दी थी कि गत मंगलवार को हुई घटना का असर नियंत्रण रेखा पर भारत के व्यवहार और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा था अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे।
उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संसद में कहा था कि पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों पर किए गए जघन्य और अकारण हमले से हम सभी आहत हैं और स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा। एंटनी ने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा था कि हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाए और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाए रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए। एंटनी ने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क, संगठनों और ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्रवाई करनी चाहिए और नवंबर 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।

Friday 9 August 2013

LOC पर भारतीय सैनिकों की हत्‍या पर नवाज शरीफ दुखी, मनमोहन से मिलने की इच्छा जताई

इस्लामाबाद/नई दिल्‍ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सैनिकों की हत्‍या पर ताजा घटना को लेकर गुरुवार को ‘दुख’ प्रकट करते हुए भारत में मौजूद भावनाओं को शांत करने की कोशिश की और कहा कि अगले महीने न्यूयार्क में अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह से मुलाकात होने पर वह विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा करेंगे। पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने से पैदा हुए तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्रालय में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को बहाल करने के लिए प्रभावी कदम उठाना चाहिए। हालांकि, विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में मंगलवार की घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया जिसमें पाकिस्तान आर्मी के ‘विशेषज्ञता प्राप्त सैनिकों’ ने भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी थी। शरीफ ने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे एलओसी पर संघर्ष विराम बहाल करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। अगले महीने न्यूयार्क में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ वार्ता नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भाजपा द्वारा दबाव बनाए जाने के मद्देनजर शरीफ ने कहा कि वह इस बैठक को लेकर आशावादी हैं जिसमें वह विश्वास बहाली के कदम पर चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना चाहते हैं। शरीफ ने कहा कि यह दोनों देशों के नेतृत्व का कर्तव्य है वे हालात को बिगड़ने नहीं दें और विश्वास बहाली की समीक्षा को लेकर सार्थक वार्ता में शामिल हो कर माहौल बेहतर करने के लिए कदम उठाए। इस बीच, रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज संसद में कहा कि इस हमले में पाकिस्तान आर्मी के विशेषज्ञता प्राप्त सैनिक शामिल हैं और पाक अधिकृत कश्मीर से एक समूह ने नियंत्रण रेखा पार किया तथा भारतीय सैनिकों को मार डाला। पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया है कि उसके सैनिक इस घटना में शामिल थे। उसने यह भी कहा है कि उसके दो सैनिक नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में घायल हुए हैं। शरीफ को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने हालात से अवगत कराया। शरीफ ने ब्रीफिंग के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के सेना स्तर के संपर्क को गलतफहमी दूर करने के लिए और बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकता है और हालात को बिगड़ने से रोका जा सकता है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में शरीफ के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान राजनीतिक और सैन्य स्तर पर मौजूद तंत्र को और मजबूत करने के उपायों पर भारत के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। इस साल जनवरी में एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों के एक हमले में एक भारतीय सैनिक का सिर कलम कर दिए जाने और एक अन्य सैनिक का क्षत विक्षत शव मिलने के बाद भारत-पाकिस्तान वार्ता प्रक्रिया अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई। 11 मई के आम चुनाव में अपनी पार्टी पीएमएल(एन) को मिली जीत के बाद रिकार्ड तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने पर शरीफ ने कहा था कि भारत के साथ संबंध बेहतर करने की अपनी इच्छा वह बार बार जता चुके हैं।

Thursday 8 August 2013

'हंगामेदार' सांसदों की लिस्ट पर बीजेपी का राज्य सभा से वॉकआउट

नई दिल्ली।। पुंछ में सैनिकों की मौत पर संसद में जारी हंगामे के बीच गुरुवार को राज्य सभा सचिवालय की ओर से जारी 'हंगामेदार' सांसदों की लिस्ट ने बीजेपी को और भड़का दिया। बीजेपी के सांसदों ने इस लिस्ट पर सख्त ऐतराज जताते राज्य सभा में जमकर हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया। हंगामा करने वाले सांसदों की इस लिस्ट में 22 सांसदों के नाम हैं। इसमें 20 बीजेपी और 2 टीडीपी के सांसद हैं। लिस्ट में बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी का नाम भी है। ईरानी ने इस पर कहा कि अगर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' कहने पर लिस्ट में शामिल किया गया है, तो उन्हें अफसोस नहीं है। गुरुवार को राज्य सभा सचिवालय की ओर से एक बुलेटिन जारी किया गया। इसमें पिछले तीन दिन से राज्य सभा में हंगामा करने और सदन की कार्यवाही न चलने देने वाले सांसदों के नाम भी छापे गए। इन सांसदों पर आरोप लगाया गया है कि वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं और अध्यक्ष के आसन के पास आकर हंगामा करते हैं। लिस्ट में अधिकतर सांसदों के बीजेपी के होने पर बीजेपी ने इस पर घोर आपत्ति जताई। कुछ सांसदों का दावा था कि वे कभी भी अध्यक्ष के आसन के पास नहीं गए हैं। नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सभापति हामिद अंसारी से इस लिस्ट को हटाने की मांग की। जेटली ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के मंत्री और सांसद भी आपस में भिड़े हैं, लेकिन सूची में उनका नाम नहीं डाला गया है।

Wednesday 7 August 2013

भारतीय चौकी पर हमला, जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिक ढेर!

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे उड़ी सेक्टर में मंगलवार-बुधवार की रात करीब ढाई बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए गोलाबारी की। भारतीय जवानों ने भी पाक गोलाबारी का संयम बरतते हुए जवाब दिया। हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की क्षति होने की अधिकारिक सूचना नहीं है। लेकिन स्थानीय सूत्रों ने दो पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। उधर आज सुबह भारत-पाक के डीजीएमओ स्तर पर बातचीत हुई। भारत की तरफ से पुंछ घटना पर विरोध दर्ज कराया गया । यहां मिली सूचनाओं के मुताबिक, मंगलवार-बुधवार की मध्यरात्रि को करीब ढाई बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने कमलकोट गांव के पास स्थित सैन्य ठिकानों पर हल्के हथियारों के साथ गोलीबारी करते हुए मोर्टार भी दागे। पहले तो भारतीय जवानों ने संयम बनाए रखा। लेकिन जब सरहद पार से दागा गया एक मोर्टार का गोला चौकी के निकट गिरकर फटा तो भारतीय जवानों ने भी अपनी राइफलों के मुंह खोल दिए। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिकों के घायल अथवा मारे जाने की सूचना है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि अपने दो साथियों के मारे अथवा घायल होने के बाद ही पाकिस्तानी सैनिकों की बंदूकें शांत हुई। सीमा पार से गोलीबारी बंद होने के साथ ही भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई रोक दी। अलबत्ता, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने उड़ी सेक्टर में भारतीय जवानों द्वारा पाकिस्तानी ठिकानों पर फायरिंग से इन्कार करते हुए कहा कि तनाव के वाबजूद हमारे जवानों ने संयम बनाए रखा है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत सप्तानह इसी इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों का एक दल एलओसी पर भारतीय इलाके में रैकी के लिए दाखिल हो रहा था। लेकिन भारतीय जवानों ने त्वतरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी सेना की रेकी टीम को वापस भाग दिया था। भारतीय जवानों की इस कार्रवाई में रैकी टीम का एक सदस्य मारा गया था जबकि एक अन्य घायल हो गया था। 

Monday 5 August 2013

हिमाकत: चीनी सैनिकों ने हमारे ही क्षेत्र में हमारे जवानों को गश्‍त करने से रोका!

लेह/नई दिल्ली. चीन के सैनिक भारतीय सीमा में सिर्फ घुसपैठ ही नहीं कर रहे हैं। वे भारतीय जवानों को अपनी ही सीमा में गश्त करने से भी रोक रहे हैं। पिछले सप्ताह लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ऐसी ही घटना हुई है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख के उत्तर में ट्रेड जंक्शन एरिया पर एलएसी से लगती दो पोस्टों के लिए भारतीय सैनिकों ने ‘तिरंगा’ पेट्रोलिंग अभियान चलाया। जब भारतीय जवान इन पोस्टों की तरफ बढ़ रहे थे तो दूसरी तरफ से चीनी सैनिक भारी और हल्के वाहनों से वहां पहुंचे। उनके हाथों में बैनर थे। इन पर लिखा था, ‘यह इलाका चीन का है। आप (भारतीय जवान) इन पोस्टों की तरफ नहीं बढ़ सकते।’ सूत्र बताते हैं ये दोनों पोस्ट एलएसी पर भारतीय सीमा के भीतर हैं। फिर भी चीन के सैनिकों ने आक्रामक तरीके से इन पर अपना हक जताया। उनके मुताबिक इस साल अप्रैल से इन अग्रिम चौकियों के लिए 21 बार अभियान चलाया गया। लेकिन सिर्फ दो बार ही इन तक पहुंचने में सफलता मिली।

Thursday 1 August 2013

गुजरात में मोदी के खिलाफ पनप रहा है \'मौन विद्रोह\'

नई दिल्ली।। गुजरात में मॉनसून आगमन की घोषणा और मूसलाधार बारिश, प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी भी है। बीजेपी जिस शख्स में प्रधानमंत्री की मजबूत दावेदारी देख रही है, प्रदेश में विकास की उसकी 2 छवियां हैं। जुलाई के पहले भारी बारिश के वे दिन और मोटरसाइकल पर सवार हजारों की संख्या में गांव वाले नरेंद्र मोदी की विकास नीतियों के खिलाफ दासदा से सुरेंदरनगर तक लामबंद होते दिखे। ये उत्तरी गुजरात के मंडल-बेचारजी क्षेत्र में 50,880 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित 'स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन' को लेकर मोदी से बेहद खफा हैं।

कच्छ के सिखों को गुजरात छोड़ने का फरमानः वहीं कच्छ में मोदी की 'दमनकारी' नीतियों से सिख समुदाय में भी जबर्दस्त गुस्सा है। कच्छ के सिख समुदाय को गुजराती न होने के कारण जमीन बेचकर पंजाब चले जाने को कहा गया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) ने भी अपनी रिपोर्ट में भी यह बात मानी है। आयोग ने गुजरात के कच्छ में सिख समुदाय के 500 लोगों के साथ भेदभाव की बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने उनसे कहा गया कि वे गुजराती नहीं हैं, इसलिए अपनी जमीन बेचकर पंजाब चले जाएं। इसके लिए बॉम्बे टेनेंसी ऐंड ऐग्रिकल्चरल लैंड ऐक्ट 1948 का हवाला दिया गया।

कमिशन के सदस्य अजायब सिंह 24 से 28 जून को इलाके के दौरे का बाद अपनी यह रिपोर्ट फाइल की थी। सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है,'गुजरात के अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकित करना मोदी की आदत में शुमार रहा है और इस केस में कच्छ के सिख परिवारों को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।'

बेचारजी इलाके में तो विरोध की बगावती आवाज घरों की दीवारों पर उकेर दी गई है। दीवारों पर लिखे इन आवाजों को पढ़ने की कोशिश करेंगे तो इनके तेवर बेहद तल्ख हैं। सरकार और कंपनी के लिए दो टूक अल्फाज में संदेश है कि हमारी जमीन पर हमारा हक है और हम किसी की नजर बर्दाश्त नहीं कर सकते। दालोद, वानोद और हंसलपुर गांव के ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज के साथ पूरी तरह से लामबंद हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जनता ने मुझे लगातार 3 बार भारी बहुमत गुजरात की कमान सौंपी है जो कि विकास के गुजराती मॉडल पर मुहर है। मोदी की यह दबंग शैली उनकी पहचान है।

हाल ही में नरेंद्र मोदी ने विदेशी न्यूज एजेंसी रॉयटर से एक विवादित इंटरव्यू में कहा था, 'इंडिया में बहुआयामी लोकतांत्रिक सिस्टम है, जहां कई सियासी जमातों की मौजूदगी विविध मतों के साथ है। यदि कोई हमें दो तिहाई बहुमत से तीन बार चुनता है, इसी से साफ होता जाता है कि लोग किस सच को महसूस करते हैं। हाल ही में गुजरात के विकास के पर उनके समर्थकों और आलोचकों में बहस भी हुई। आलोचकों का कहना है कि गुजरात समावेशी विकास की राह पर नहीं है। ऐसा दुनिया के जाने-माने इकॉनमिस्ट और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन का भी कहना है। अमर्त्य सेन ने कहा था कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद के लिए फिट नहीं हैं, क्योंकि अल्पसंख्यकों और सोशल डिवेलपमेंट में इनका बेहद खराब परफॉर्मेंस हैं।

दूसरी तरफ, चर्चित इकॉनमिस्ट जगदीश भगवती मोदी के डिवेलपमेंट मॉडल से इत्तेफाक रखते हैं। अर्थशास्त्री अरविंद पनगरिया ने भी नरेंद्र मोदी के डिवेलपमेंट मॉडल से सहमति जतायी है। गौरतलब है कि तीनों भारतीय मूल के अर्थशास्त्री कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कॉलिग्स हैं। अमर्त्य सेन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि गुजरात में एजुकेशन और हेल्थकेयर की स्थिति बेहद निराशजनक है। नरेंद्र मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरी तरफ मोदी को इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट पर भी ध्यान देना चाहिए। वहीं भगवती और पनगरिया ने मोदी की कई क्षेत्रों में विकास के लिए तारीफ की।

इन दोनों अर्थशास्त्रियों ने कहा कि गुजरात में हाई ग्रोथ रेट के साथ प्रति व्यक्ति आय भी संतुलित गति के साथ बढ़ी है। इस कवायद से गुजरात राजस्व बढ़ाने में सफल रहा है। इसके साथ ही गुजरात में गुड गवर्नेंस का भी माहौल है। पनगरिया और भगवती ने मोदी की विकास नीति की कई आयामों को लेकर जमकर तारीफ की थी।

गुजरात इंस्टिट्यूट ऑफ डिवेलपमेंट रिसर्च की डायरेक्टर अमिता शाह का कहना है कि गुजरात में हुए विकास पर कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है। अमिता ने कहा, 'पांच साल पहले राज्य की औसत ग्रोथ जीडीपी में 2.8% थी। मोदी के कार्यकाल 2002-03 और 2011-12 के बीच 10.3% पहुंच गई। सिर्फ 3 छोटे राज्य सिक्कीम, उत्तराखंड और दिल्ली की औसत ग्रोथ ज्यादा तेज है। गुजरात राष्ट्रीय औसत ग्रोथ (7.9%) से आगे है। महाराष्ट्र फैक्ट्री उत्पादन और ऐग्रिकल्चर ग्रोथ के साथ बिजली सुधार के मामले में गुजरात से आगे है। वहीं गुजरात सोशल डिवेलपमेंट के क्षेत्र में जूझ रहा है। खास करके महिला, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी और मजदूरी पर बहुत कम काम हुए हैं। गुजरात में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या महज 918 है जो राष्ट्रीय औसत 940 से कम है। शिशु मृत्यु दर के मामले में भी गुजरात का बेहद खराब रेकॉर्ड है। आर्थिक प्रगति के मामले में चौथे पायदान पर गुजरात गरीबी खत्म करने के मामले में 12वें नंबर पर है। अपर प्राइमरी स्कूल ड्रॉपआउट औसत कर्नाटक के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है। गुजरात में स्कूल ड्रॉपआउट औसत 29.3 फीसदी है।

Wednesday 31 July 2013

‘सेक्युलराइटिस’ से ग्रस्त है राजनीति : राजनाथ

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश की राजनीति ‘सेक्युलराइटिस’ (धर्मनिरपेक्षता) से पीड़ित है। उन्होंने यहां कहा, ‘‘भारतीय राजनीति में सेक्युलराइटिस की बीमारी फैली हुई है। इंसेफलाइटिस की तरह सेक्युलराइटिस भी अत्यंत खतरनाक है।’’ राजनाथ ने यह टिप्पणी इसलिए की है क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठना जारी है। मोदी पार्टी की चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष हैं और अगले आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं। मोदी पर 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों में संलिप्तत रहने का आरोप लगाया जाता रहा है। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव शकील अहमद पर भी निशाना साधा। अहमद ने 21 जुलाई को कहा था कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का गठन 2002 के गुजरात दंगों के बाद हुआ था। राजनानाथ ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का गठन गुजरात दंगों के बाद हुआ, मैं कांग्रेस के इस नेता (अहमद) से पूछना चाहता हूं कि क्या उनके पास आईएम की जन्मपत्री है। जिन लोगों को आईएम के बारे में ब्योरा चाहिए वे कांग्रेस मुख्यालय जाएं और इस नेता से मुलाकात करें।’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जैसे कि स्वतंत्र भारत में 2002 से से पहले कोई दंगा ही नहीं हुआ था।’’

Tuesday 30 July 2013

इधर दुर्गा का निलंबन उधर दो दिन में माफिया ने बनाए करोड़ों

 हिंडन और यमुना नदी में अवैध तरीके से बालू निकालने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। खनन माफिया हर रोज सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाकर करोड़ों रुपये का खेल कर रहे हैं। एसडीएम दुर्गा नागपाल के निलंबन एवं खनन निरीक्षक आशीष कुमार के तबादले के बाद से खनन माफिया की चांदी कट रही है। पिछले दो दिन में सर्वाधिक अवैध खनन हुआ है। सैकड़ों डंपर, जेसीबी मशीन, पॉपलेन और ट्रैक्टर ट्राली खनन में लगे हैं। दूसरी ओर दनकौर ब्लॉक क्षेत्र के कादलपुर गांव में धार्मिक स्थल तोड़ने जाने से ग्रामीणाों में गुस्सा बरकरार है।
एहतियातन सोमवार को भी गांव में पुलिस बल तैनात रहा। धार्मिक स्थल की जगह पर पुलिस मुस्तैद रही। गांव की गलियों में भी पुलिस ने गश्त की। कुछ ग्रामीणों ने धार्मिक स्थल पर निर्माण का सोमवार को फिर प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया। अवैध तरीके से बालू गोरखधंधा पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। जिस अधिकारी ने भी इसको रोकने के लिए खनन माफिया की गिरेबान में हाथ डाला, उसे खामियाजा भुगतना पड़ा।

कई अधिकारियों पर जानलेवा हमले भी हुए। सत्ता के दबाव में पुलिस प्रशासन खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। खनन का खेल दिनभर मीडिया की सुर्खियों में रहने के बावजूद उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने अन्य दिनों की भांति सोमवार को भी अपना गोरखधंधा बदस्तूर जारी रखा।

दरअसल उत्तराखंड में आई आपदा के बाद जून में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। बाढ़ के पानी के साथ बड़ी मात्र में बालू भी आ गया था। जलस्तर घटने के बाद बालू खेतों में जमा रह गया। इसको निकालने के लिए अब खनन माफिया में होड़ लगी हुई है। जैसे ही बारिश बंद होती है, खनन माफिया बांध के किनारे के खेतों से बालू निकालने में लग जाते हैं। जिला प्रशासन खनन माफिया पर कोई लगाम नहीं लगा पा रहा है। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है। नियमानुसार 33 रुपये प्रति घन मीटर की रायल्टी जमा करने के बाद प्रशासन अनुमति प्रदान करता है।

अनुमति के बाद बालू का खनन किया जा सकता है। खनन माफिया नियमों की अनदेखी कर अपनी मनमर्जी से बालू चोरी कर रहे हैं।

सिर्फ एक के पास है अनुमति

जिला प्रशासन ने यमुना से बालू निकालने के लिए सिर्फ रायपुर गांव में एक व्यक्ति को अनुमति दे रखी है। बाकी जगहों पर अवैध खनन हो रहा है। यमुना के किनारे के लगभग सभी गांवों से बालू का अवैध खनन हो रहा है। प्रतिदिन करीब ढाई सौ डंपर, जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर ट्राली बालू निकालने में लगे रहते हैं।

सत्ता के दबाव में नहीं बनी सूची जिलाधिकारी रविकांत सिंह ने अप्रैल में अधीनस्थ आला अफसरों को खनन माफिया की सूची बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सूत्रों का कहना है कि एसडीएम दुर्गा नागपाल ने कई सफेदपोश नेताओं के नाम इस सूची में शामिल किए थे, लेकिन सत्ता के दबाव में सूची जारी नहीं हो सकी।

पूर्व में नियुक्त अधिकारियों पर हो चुका है हमला

कई बार खनन माफिया में आपस में भी गोली चल चुकी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खनन माफिया में भी खूनी खेल खेला जा चुका है। गत वर्ष तत्कालीन एसडीएम सदर व खनन निरीक्षक आशीष कुमार पर भी बालू का अवैध धंधा करने वालों ने हमला किया था।

Monday 29 July 2013

मोदी विरोधी चिट्ठी में हस्ताक्षर असली

वाशिंगटन। भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारतीय सांसदों के पत्र भेजने के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। दस्तावेजों की असलियत की जांच करने वाले कैलिफोर्निया के फोरेंसिक दस्तावेज परीक्षक से प्रमाणित कर दिया है कि पत्रों पर सांसदों के हस्ताक्षर असली हैं और जैसा दावा किया गया था कि हस्ताक्षर के साथ कट पेस्ट करके जालसाजी की गई है, वैसा नहीं है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फोरेंसिक जांच के तरीकों और स्वीकार्य सिद्धांतों का इस्तेमाल करते हुए मेरी राय यह है कि राज्यसभा के सदस्यों का तीन पृष्ठों का पत्र एक ही बार में तैयार हुआ है और उस पर गिली स्याही से जो हस्ताक्षर हैं वे असली और प्रामाणिक हैं। लोकसभा के सदस्यों के पत्र के मामले में भी यही कहा गया है।

राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की ओर से क्रमश: गत 26 नवंबर और पांच दिसबंर को ये पत्र भेजे गए थे। ये पत्र ही इस साल 21 जुलाई को ह्वाइट हाउस फिर फैक्स के जरिये भेजे गए। इसकी हस्तलिपि की फोरेंसिक जांच नानेटे एम बार्टो ने कैलिफोर्निया में की। यह जांच मोदी के खिलाफ मुहिम चलाने वाले संगठन 'कोएलिशन अगेंस्ट जेनोसाइड' की आग्रह पर तब की गई जब कुछ भारतीय सांसदों (जिनमें माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के एमपी अच्युतन और द्रमुक के केपी रामालिंगम भी थे) ने ओबामा को भेजे पत्र पर अपना हस्ताक्षर होने से इन्कार किया। सीएजी में अमेरिका के करीब 40 भारतीय अमेरिकी संगठन शामिल हैं।

यह संगठन मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने के लिए अभियान चला रहा है। जब इस फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट पर सांसद अच्युतन की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हे याद नहीं है कि उन्होंने इस तरह के किसी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

रामालिंगम ने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है और यह राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को दिया जाएगा। मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैंने पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया। येचुरी ने कहा था कि उनके हस्ताक्षर को कट पेस्ट किया है, उनकी इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया हासिल नहीं हो सकी।

Saturday 27 July 2013

अभी चुनाव हुए तो NDA सबसे बड़ा गठबंधन: सर्वे

नई दिल्ली।। यदि देश में आम चुनाव अभी होते हैं तो किसी भी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। जनादेश हंग पार्ल्यामेंट के पक्ष में होगा। कांग्रेस नेतृत्व वाला यूपीए गठबंधन (यूनाइडेट प्रोग्रेसिव अलायंस) और बीजेपी नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन(नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस) साधारण बहुमत से पीछे रह जाएंगे। 172-180 से सीटें हासिल कर एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरेगा। हालांकि, मनमोहन सरकार पर लगे करप्शन के तमाम आरोपों के बावजूद बीजेपी के पक्ष में कोई बड़ी लहर नहीं दिख रही है। करीब 200 सीटों पर उन पार्टियों का कब्जा होगा जो न तो यूपीए में और न ही एनडीए में। पीएम के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की पहली पसंद हैं। 19 फीसदी लोग मोदी को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं, 12 फीसदी लोगों की पसंद के साथ राहुल गांधी पीएम के रूप में लोगों की दूसरी पसंद हैं। सीएसडीएस-द दिन्दू और सीएनएनआईबीएन के ओपिनियन पोल से हंग पार्ल्यामेंट की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। कांग्रेस को भारी नुकसान होने वाला है। हालांकि, कांग्रेस के नुकसान का फायदा बीजेपी को पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। दोनों गठबंधन यूपीए और एनडीए का वोट शेयर 29 पर्सेंट रहेगा। लेकिन, सीटों पर कब्जे के मामले में एनडीए आगे रहेगा। एनडीए को 172 से 180 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है, वहीं यूपीए 149-153 पर सिमट जाएगा। जहां तक सिंगल पार्टी की बात है बीजेपी 2009 के मुकाबले फायदे में रहेगी। अभी चुनाव हुए तो बीजेपी को 156-164 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है, वहीं कांग्रेस को महज 131 से 139 सीटों पर संतोष करना होगा। अगर अभी चुनाव हों तो किसको मिलेंगी कितनी सीटें:- एनडीए: 172-180 यूपीए: 149-157 लेफ्ट: 22-88 टीमसी: 23-27 एसपी: 17-21 बीएसपी: 15-19 एडीएमके: 16-20 जेडीयू: 15-19 बीजेडी: 12-16 वाईएसआर कांग्रेस: 11-15 आरजेडी: 8-12 अन्य : बाकी बची सीटें

Thursday 25 July 2013

कांग्रेसी नेता का हास्यास्पद बयान, 12 रुपए में उपलब्ध है पूरा भोजन!

नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा कि आज भी मुंबई में पूरा भोजन 12 रुपए में करना संभव है जिसे भाजपा ने हास्यास्पद करार दिया। बब्बर ने एआईसीसी ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में यह बात समझाने की कोशिश करते हुए कही कि कीमतों में इजाफे के बावजूद गरीबी घटी है। कांग्रेस प्रवक्ता से गरीबी निर्धारण करने के लिए व्यय सीमा के निम्न कटआफ के बारे में भी पूछा गया था और यह भी पूछा गया था कि कैसे कोई गरीब 28 रुपए या 32 रुपए के प्रति दिन खर्च पर दो वक्त पूरा भोजन ग्रहण करने में सक्षम हो सकते हैं।
बब्बर ने कहा, ‘‘लोगों को दिन में दो वक्त पूरा भोजन मिलना चाहिए। वे कैसे हासिल कर सकते हैं, यह एक बहुत अच्छा सवाल है जिसे आपने पूछा है। आज भी मुंबई शहर में मैं 12 रुपए में एक पूरा भोजन पा सकता हूं। नहीं नहीं, बड़ा पाव नहीं। ढेर सारा चावल, दाल, सांभर और कुछ सब्जियां भी मिली हैं।’’ बब्बर ने इसके साथ ही कहा कि वह यह नहीं कह रहे हैं कि यह अच्छा है।

एनडीटीवी पर इस टिप्पणी का मजाक उड़ाते हुए भाजपा की एक टेलीविजन पैनलिस्ट ललिता के. मंगलम ने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता की यह बात हंसने लायक है। सब्जियों खास कर टमाटर की बढ़ती कीमतों के बारे में एक सवाल पर बब्बर ने कहा, ‘‘अगर आप टमाटर से गरीबी का आकलन करेंगे तो यह मुश्किल होगा। शहरों में आप टमाटर नहीं खाएं, लेकिन गांवों में गरीब लोग टमाटर तोड़ते हैं और खाते हैं। मुझे बताएं कि क्या वह अमीर हैं या गरीब। बहरहाल, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह ‘‘गरीबी की परिभाषा नहीं दे रहे हैं।’’

Wednesday 24 July 2013

ओबामा को भेजे मोदी विरोधी खत में सांसदों के फर्जी दस्तखत?

वॉशिंगटन/नई दिल्ली।। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी वीजा की वकालत कर रहे बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की कोशिशों को झटका लग सकता है। राजनाथ सिंह अभी अमेरिका में हैं और वह ओबामा प्रशासन से नरेंद्र मोदी को वीजा देने की बार-बार अपील कर रहे हैं। राजनाथ की इन कोशिशों के बीच संसद के 65 सदस्यों ने प्रेजिडेंट बराक ओबामा को चिट्ठी लिखकर अमेरिकी प्रशासन से अपील की है कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखे। हालांकि, सांसदों की चिट्ठी पर विवाद खड़ा हो गया है। चिट्ठी में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और सीपीआई के एम. पी. अच्युतन के नाम शामिल हैं, जबकि दोनों ने इसे फर्जी बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने इस तरह की किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 12 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वाले सांसदों की ओर से ओबामा को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम सम्मानपूर्वक आपसे अपील करते हैं कि मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखा जाए। ऐसे ही एक पत्र पर राज्यसभा के 25 सदस्यों तथा एक अन्य पत्र पर लोकसभा के 40 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ये पत्र 26 नवंबर और 5 दिसंबर 2012 को लिखे गए थे, जिन्हें रविवार को वाइट हाउस को फिर से फैक्स किया गया है। राजनाथ सिंह के अमेरिकी सांसदों, थिंक टैंक और अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात के लिए वॉशिंगटन पहुंचने के साथ ही इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं। राजनाथ यहां अमेरिकियों से मोदी के लिए वीजा पर लगे बैन को हटवाने की अपील करने वाले हैं। इस अभियान की कमान संभालने वाले राज्यसभा के निर्दलीय सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि मोदी को वीजा देने से रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन पत्रों को पहली बार सार्वजनिक किया गया है। राजनाथ सिंह ने रविवार को न्यू यॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह अमेरिकी सांसदों से अपील करेंगे कि वे 2002 के दंगों के बाद मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को हटवाने के लिए अमेरिकी प्रशासन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। गौरतलब है कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मानवाधिकारों के हनन के आधार पर वीजा पर बैन लगाया गया था। इन चिट्ठियों पर हस्ताक्षर करने वालों में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और सीपीआई सांसद एम. पी. अच्युतन का भी नाम है। दोनों राज्यसभा के सदस्य हैं। संपर्क करने पर येचुरी ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कट पेस्ट का मामला लगता है। येचुरी ने कहा कि मैं अमेरिकी प्रशासन को पत्र लिखने वाला और इस प्रकार का कदम उठाने वाला अंतिम व्यक्ति होऊंगा। हम नहीं चाहते कि कोई देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करे। ये ऐसे मसले हैं जिनका समाधान भारतीय राजनीति के तहत किया जाना चाहिए। अच्युतन ने भी ऐसा कोई पत्र लिखे जाने से इनकार किया। हालांकि, अदीब ने जोर देकर कहा कि येचुरी और अच्युतन ने पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और उन्हें हैरानी है कि वे अब पीछे हट रहे हैं। ओबामा को लिखे पत्र में कहा गया है कि मोदी प्रशासन के कई सीनियर अधिकारियों समेत अपराधियों के खिलाफ कानूनी मामले अभी भी लंबित हैं और इस समय बैन को हटाने से इसे 2002 के नरसंहार में मोदी की भूमिका से जुड़े मुद्दों को खारिज किए जाने के रूप में देखा जाएगा।

Tuesday 23 July 2013

शिवराज ने नहीं माना मोदी को नेता! पोस्‍टर और भाषण में गुजरात के सीएम नदारद

कांग्रेस ने जहां राहुल गांधी को 'पीएम कैंडिडेट' बताया है, वहीं भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी फेस बनाने व उन्हें फ्रीहैंड देने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। वहीं, मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा के प्रचार होर्डिंग्स से बीजेपी के राष्ट्रीय चुनाव प्रचार प्रमुख नरेंद्र मोदी का चेहरा गायब है। जद यू के अलग होने के बाद अब बीजेपी का पूरा फोकस अकेले दम पर अपनी ताकत बढ़ाने पर है। सहयोगियों की चिंता पार्टी चुनाव बाद करेगी।अमेरिका में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के ‘प्रो मोदी’ बयान को सोची समझी रणनीतिक कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी पार्टी मोदी के नाम पर काफी हद तक राजी कर चुकी है। लिहाजा पूरा एक्शन प्लान इस तरह से बन रहा है कि चुनावी संघर्ष भाजपा बनाम कांग्रेस का हो जाए। पार्टी का पूरा प्लान मोदी की लोकप्रियता के सहारे हिंदुत्ववादी एजेंडा व डेवलपमेंट थ्योरी को एक साथ परवान चढ़ाना है।
पीएम उम्मीदवार घोषित करने का दबाव : मोदी को चुनाव अभियान की कमान दी जा चुकी है, वरिष्ठ नेता मोदी की अगुवाई वाली चुनाव टीम में काम करने को राजी हो गए हैं। अब पार्टी के भीतर यह दबाव बन रहा है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए।

पार्टी में आडवाणी खेमे के नजदीकी नेता मान रहे हैं कि मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने पर कांग्रेस तथा यूपीए के खिलाफ चुनावी मुद्दा भटक कर सीधे ध्रुवीकरण पर केंद्रित हो सकता है।

मोदी पर बड़ा दांव तय

यह भी कयास लगाई जा रही है कि मोदी के लिए बहुमत का जुमला, दरअसल उन्हें दिया गया चुनावी टास्क है। इसे पूरा करने पर वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे। यानी पार्टी को बहुमत के करीब लाने की जिम्मेदारी मोदी के कंधों पर होगी।

बहुमत की स्ट्रैटजी

पार्टी की रणनीति है कि वह कम से कम 300 सीटों पर मजबूती से लड़े। बहुमत के लिए 272 का जादुई आंकड़ा चाहिए। उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तराखंड पर पार्टी का खास फोकस है। पार्टी को लग रहा है कि उसे करीब 200 सीटें भी अकेले दम पर मिलती हैं तो सहयोगियों के लिए कवायद में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

चुनौती कम नहीं-

पार्टी के भीतर ही मोदी कुछ नेताओं का तर्क है कि मोदी के नाम पर सहयोगी मिलने की संभावना बहुत कम। ऐसे में जरूरत पडऩे पर दूसरे चेहरा आगे करने का विकल्प खुला रहना चाहिए। संसदीय बोर्ड इस पर भी मंथन करेगा।

राजनाथ सिंह ने साफ कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में कुछ दल एनडीए में आएंगे। इन्हें लाएगा कौन? कोई उत्तर नहीं। मतलब एनडीए का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी भी मोदी पर। चुनाव से पहले और बाद में भी।

बिहार में लिटमस टेस्ट

मोदी के लिए भाजपा ने जदयू से नाता तोड़ लिया। बिहार में सत्ता से बाहर आ गई। चुनौती बिहार में सीट बढ़ाने की नरेंद्र मोदी के जिम्मे।

मोदी के चिंतन में चिंता भी साथ

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह चुनावी मुद्दे को सांप्रदायिकता की तरफ ले जाना चाहती है। परोक्ष रूप से भाजपा ने मोदी को सचेत किया है कि चुनाव में ध्रुवीकरण की तरफ बढऩे से भाजपा को लाभ हो न हो, कांग्रेस को नुकसान कम होगा।

Monday 22 July 2013

दो महीने बाद ही संजय दत्त आ गए जेल से बाहर!

पुणे। यहां की यरवदा जेल में लगभग दो महीने से कैद बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त शनिवार को पहली बार बाहर निकले। स्वास्थ्य जांच के लिए उन्हें एक अस्पताल ले जाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दत्त को कड़ी सुरक्षा में सैसून अस्पताल ले जाया गया जहां चार चिकित्सकों की टीम ने उनके समूचे शरीर की सामान्य जांच की।

अनधिकारिक खबरों में दावा किया गया है कि दत्त की तबीयत नासाज रहती थी, मगर अभिनेता की तीन घंटे चली स्वास्थ्य जांच के बारे में जेल के अधिकारी और अस्पताल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। दत्त को स्वास्थ्य जांच के बाद वापस जेल ले जाया गया।

वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में दोषी करार दिए गए संजय दत्त ने मुंबई की एक विशेष अदालत में 16 मई को आत्मसमर्पण किया था। 22 मई को उन्हें मुंबई के आर्थर रोड केंद्रीय कारावास में ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें पुणे के यरवदा केंद्रीय कारावास भेज दिया गया। यहां दो महीने से अधिक समय से कैद अभिनेता को पहली बार कुछ घंटों के लिए बाहर निकलने का मौका मिला।

विशेष टाडा अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान दत्त ने घर का बना खाना, दवाएं एवं अन्य सुविधाओं की मांग की थी। उनकी मांगें एक महीने के लिए मान ली गई थी।

यरवदा जेल के अधिकारियों ने हालांकि जेल के नियम-कायदे का हवाला देते हुए उन्हें प्रदत्त सुविधाओं पर आपत्ति उठाई। इसके बाद से संजय दत्त आम कैदी की तरह दिन काट रहे हैं।

सुरक्षा कारणों से सिने स्टार को जेल की कोठरी में ही रहकर कागज के थैले बनाने का काम सौंपा गया है। इस काम के लिए उन्हें 25 रुपये रोजाना दिहाड़ी मिल रही है।

Friday 19 July 2013

मिड-डे मील जैसा होगा फूड सिक्‍योरिटी बिल का अंजाम

वाराणसी: योग गुरु रामदेव ने देश में शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटालों के लिए सीधे तौर पर कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को दोषी ठहराया। वाराणसी में बुधवार संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने एक ओर गांधी परिवार की जमकर आलोचना करते हुए संप्रग सरकार को उखाड़ फेंकने के साथ देश बचाने की अपील की वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें राष्ट्रवादी और विकासवादी व्यक्तित्व करार दिया। उन्होंने कहा कि वोट के लालच में आमजन को सस्ता गेहूं, चावल देने की घोषणाणों पर प्रहार करते हुए योग गुरु ने कहा कि सस्ते खाने की योजना का भी वही हाल होगा, जो मिड-डे-मील का हो रहा है।

भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की युवा इकाई की गोष्ठी को संबोधित करने के पूर्व रामदेव ने कहा कि कांग्रेस ने क्रूरतापूवर्क लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म कर दिया है अथवा खत्म करने की कगार पर ला खड़ा किया है। यही नहीं बल्कि इस केंद्र सरकार ने निहित स्वार्थवश आईबी, रा, सीबीआई और एनआईए सहित सारी सुरक्षा एजेंसियों को आपस में ही लड़ा दिया है, जो भयवश कार्य करने से कतराने लगी हैं।

Thursday 18 July 2013

मिड-डे मील में जहर विपक्ष की साजिश हो सकती है: शिक्षा मंत्री

पटना।। बिहार सरकार ने बच्चों की मौत मामले को विपक्षी दलों की साजिश करार दिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री पी. के. शाही ने बुधवार को कहा कि शुरुआती जांच के दौरान यह स्पष्ट है कि मिड-डे मिल में जहर मिला हुआ था और यह फूड पॉइजनिंग का मामला नहीं है। विपक्षी पार्टी आरजेडी का नाम लिए बिना शाही ने कहा कि गांववालों ने बताया कि एक पार्टी विशेष के सक्रिय कार्यकर्ता अर्जुन राय के किराना दुकान से स्कूल में सामग्री की सप्लाई की जाती है। अर्जुन राय उस स्कूल की प्रभारी हेड मिस्ट्रेस मीना देवी के पति हैं। इसके अलावा राय मशरख में पार्टी विशेष के प्रभावशाली माने जाने वाले ध्रुव राय के चचेरे भाई हैं और वह एक बडे़ राजनेता के करीबी हैं। 

शाही ने बताया कि मीना देवी 2011 में इस स्कूल में प्रतिनियुक्त होने से पहले बहुआरा मिडल स्कूल में कार्यरत थीं और उनकी प्रतिनियुक्ति मशरख प्रखंड के तत्कालीन शिक्षा पदाधिकारी प्रबोध कुमार ने की थी। शाही ने कहा कि ऐसी अपुष्ट सूचना है कि उनकी प्रतिनियुक्ति किसी राजनीतिक दबाव के अंतर्गत की गई थी। शाही ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से यह पूछा है कि वह बताएं कि अर्जुन और ध्रुव राय कौन हैं। इस बीच छपरा में मिड-डे मील खाने से 27 बच्चों की मौत के बाद हंगामा थमा भी नहीं है कि गया और मधुबनी में भी मिड डे मील मासूमों पर कहर बनकर टूटा। गया में बुधवार को मिड डे मील खाने से एक बच्चे की मौत हो गई और 22 बीमार हैं। दूसरी तरफ मधुबनी में भी मिड डे मील खाने से 50 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है। इनमें से सात बच्चों को तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती काराया गया है। 

उधर, महाराष्ट्र के एक स्कूल में भी 31 बच्चों के मिड-डे मील खाने के बाद बीमार पड़ने की खबर है। मधुबनी से 22 किलोमीटर दूर बिस्फी के नवटोलिया मिडल स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 50 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि बच्चों को दिए जाने वाले खाने में छिपकली गिर गई थी, लेकिन इसके बावजूद स्कूली छात्रों को खाना परोसा गया। मिड-डे मील खाने के बाद स्कूल के बच्चों को पेट दर्द और उल्टी होने लगी। इसके बाद डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल सभी बच्चों को हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। सात बच्चों के अलावा सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उधर, महाराष्ट्र के धुले में एक म्यूनिसिपल स्कूल के कई बच्चे मिड-डे मील खाने का बाद बीमार हो गए हैं। 30 से अधिक बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि मंगलवार को बिहार के छपरा जिले में मिड-डे मील खाने से 27 बच्चों की मौत हो गई।

 इसके साथ ही 28 बच्चे अभी भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। छपरा में हुई घटना के बाद से लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। लोगों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र विरोध-प्रदर्शन करते हुए कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। छपरा में एक पुलिस वैन को भी आग के हवाले कर दिया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर अफसोस जताते हुए हुए कमिश्नर और आईजी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, आरजेडी और बीजेपी ने इसे प्रशासन की लापरवाही करार देते हुए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का इस्‍तीफा मांगा है। गौरतलब है कि इस मामले के सामने आने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया से मुखातिब नहीं हुए हैं।

Tuesday 16 July 2013

मोदी की भद्दी भाषा के इस्तेमाल से भाजपा को नहीं मिलेंगे वोट: नीतीश

पटना: बुर्का और कुत्ते के पिल्ले संबंधी टिप्पणियों की निंदा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि ऐसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल करने से भाजपा को वोट नहीं मिलेंगे और इससे केवल माहौल ही दूषित होगा। गुजरात के मुख्यमंत्री की कुत्ते के पिल्ले और बुर्का संबंधी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश ने पत्रकारों को बताया कि ऐसी भद्दी भाषा के इस्तेमाल से चुनावों में भाजपा को नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी जहरीली भाषा पर अन्य नेताओं की ओर से भी ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की जाएगी जिससे देश में शांति और सौहार्द नष्ट हो जाएगा।

भाजपा के साथ जदयू के 17 साल पुराने गठबंधन की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा हमारा गठबंधन कुछ बुनियादी बातों पर हुआ था। गठबंधन का जो सबसे बड़ा दल (भाजपा) था उसके द्वारा उठाए गए कदम हमें मंजूर नहीं थे इसलिए हमने गठबंधन को तोडऩे का कदम उठाया। भाजपा द्वारा मोदी को चुनाव अभियान समिति प्रमुख बनाए जाने पर उससे जदयू के नाता तोडऩे के कदम को उपयुक्त बताते हुए नीतीश ने नरेंद्र मोदी द्वारा की टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले तीन चार दिनों में जो बातें कही जा रही है वह हमारे लिये नए रुख को और मजबूत करती है।

Monday 15 July 2013

पब में 100 स्कूली छात्र-छात्राओं को परोसे जा रहे थे शराब

pub
पुलिस और एक्साइड विभाग की टीम ने गुड़गांव में एमजी रोड के डीटी सिटी सेंटर मॉल के एक बार में रविवार को छापामारी के बाद पुलिस ने सौ से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं को पकड़ा। 'सेक्स ऐंड स्मोक' थीम के नाम से आयोजित पार्टी में छात्र-छात्राओं को न केवल वाइन सर्व की जा रही थी, बल्कि हुक्का भी मुहैया कराया गया था। सभी बच्चे शहर के नामी स्कूलों में पढ़ते हैं। बच्चों को पैरंट्स के हवाले कर दिया गया। नियमों के मुताबिक बार में स्कूली बच्चों व नाबालिगों की एंट्री ही नहीं हो सकती है। पुलिस ने बार मालिक व मैनेजर के खिलाफ सरकारी आदेशों की अवहेलना करने और एक्साइज ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया। रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि एमजी रोड के डीटी सिटी सेंटर में सेकंड फ्लोर स्थित एक बार में स्कूली बच्चों को वाइन सर्व की जा रही है और हुक्का भी मुहैया कराया जा रहा है। इस पर जॉइंट पुलिस कमिश्नर महेश्वर दयाल, डीसीपी साउथ राहुल शर्मा, एसीपी डीएलएफ भूपेंद्र सिंह, सेक्टर 29 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह की टीम ने बार में रेड की। इस दौरान एक्साइज की टीम भी साथ थी। करीब दो घंटे तक चली कार्रवाई में सौ से अधिक स्कूली बच्चे मिले। उनकी उम्र 15 से 20 साल के बीच है। सभी गुड़गांव के रहने वाले हैं और शहर के नामी स्कूलों में पढ़ते हैं। पुलिस ने बच्चों से ही फोन करवाकर उनके पैरंट्स को मौके पर बुलाया। एक्साइज विभाग की टीम ने यहां पर वाइन व तंबाकू के कुछ सैंपल लिए। करीब दो घंटे तक बार के मैनेजर, कर्मचारियों से पूछताछ की गई। सेक्टर 29 पुलिस थाने में बार के मालिक, मैनेजर व कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। एसीपी डीएलएफ भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बच्चों को काउंसलिंग के बाद उनके पैरंट्स के हवाले कर दिया गया। इस पार्टी में शामिल सभी बच्चे सोशल साइट के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में थे। बार में आयोजित पार्टी का नाम 'सेक्स ऐंड स्मोक' रखा गया था। बच्चों के पैरंट्स प्रशासनिक अधिकारी, बिल्डर, डॉक्टर, इंजीनियर हैं। बताया गया कि सभी बच्चे मोबाइल, फेसबुक व वॉट्स ऐप के अलावा दूसरी सोशल साइटों के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क में थे। इन बच्चों के चार-पांच ग्रुप थे। रविवार को दोपहर बाद से ही पार्टी चल रही थी। दो दिन पहले ही इस पार्टी के लिए बार को बुक किया गया था। इसके लिए मोटी रकम बार संचालकों को दी गई थी। आधी रकम एडवांस में ही दे दी गई थी। पार्टी का मेन्यू पहले ही निर्धारित कर लिया गया था। पुलिस की टीम जब बार में पहुंची सभी बच्चे शराब और हुक्के के नशे में धुत होकर डीजे पर थिरक रहे थे। पुलिस ने बच्चों के पैरंट्स से लिखवाकर लिया कि वह इस प्रकार की गलती दोबारा नहीं होने देंगे। इतनी बड़ी संख्या में एक बार से स्कूली बच्चों के पकड़े जाने का यह पहला मामला गुड़गांव में आया है। एसीपी डीएलएफ भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने एक्साइज डिपार्टमेंट को बार को सील करने व लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है।

Friday 12 July 2013

जेल जाने से डरे लालू!

lalu prasad yadav
चारा घोटाले में बुरी तरह से फंसे लालू प्रसाद यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है लेकिन लालू की राजनीति की खूबी यही है कि वह सबसे बुरे दौर को भी अपने फायदे के लिए भुनाने की कला में माहिर हैं। खतरे को भांपते हुए लालू ने प्लान ‘बी’ तैयार कर लिया है जिसके मुताबिक उन्होंने पार्टी की कमान रघुवंश प्रसाद सिंह को सौंपने की योजना बनाई है। 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट लालू की याचिका पर अगली सुनवाई करेगा। प्लान के मुताबिक लालू ने अपने कार्यकत्र्ताओं और समर्थकों से पूरे बिहार में वैसा ही माहौल बनाने का इशारा किया, जैसा माहौल 1997 में चारा घोटाले के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी के बाद राज्य में बना था।

लालू ने 5 जुलाई को राजद के स्थापना दिवस के मौके पर अपने कार्यकत्र्ताओं से कहा, ‘‘मुझे याद है कि जब मैं जेल जा रहा था तो लोग किस तरह रो रहे थे। बुरे दौर में पार्टी में कितनी एकता थी।’’ लालू ने यह बात झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद कही थी जिसमें हाईकोर्ट ने लालू की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें सी.बी.आई. कोर्ट के विशेष जज को हटाने की मांग की गई थी। पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक लालू राजद की बागडोर अपनी पत्नी की जगह परिवार के बाहर के किसी आदमी को सौंपेंगे। लालू ने तय कर लिया है कि अगर उन्हें चारा घोटाले में जेल जाना पड़ा तो उनकी जगह पार्टी का कामकाज बतौर कार्यकारी अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह देखेंगे।