Tuesday 30 July 2013

इधर दुर्गा का निलंबन उधर दो दिन में माफिया ने बनाए करोड़ों

 हिंडन और यमुना नदी में अवैध तरीके से बालू निकालने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। खनन माफिया हर रोज सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाकर करोड़ों रुपये का खेल कर रहे हैं। एसडीएम दुर्गा नागपाल के निलंबन एवं खनन निरीक्षक आशीष कुमार के तबादले के बाद से खनन माफिया की चांदी कट रही है। पिछले दो दिन में सर्वाधिक अवैध खनन हुआ है। सैकड़ों डंपर, जेसीबी मशीन, पॉपलेन और ट्रैक्टर ट्राली खनन में लगे हैं। दूसरी ओर दनकौर ब्लॉक क्षेत्र के कादलपुर गांव में धार्मिक स्थल तोड़ने जाने से ग्रामीणाों में गुस्सा बरकरार है।
एहतियातन सोमवार को भी गांव में पुलिस बल तैनात रहा। धार्मिक स्थल की जगह पर पुलिस मुस्तैद रही। गांव की गलियों में भी पुलिस ने गश्त की। कुछ ग्रामीणों ने धार्मिक स्थल पर निर्माण का सोमवार को फिर प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया। अवैध तरीके से बालू गोरखधंधा पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। जिस अधिकारी ने भी इसको रोकने के लिए खनन माफिया की गिरेबान में हाथ डाला, उसे खामियाजा भुगतना पड़ा।

कई अधिकारियों पर जानलेवा हमले भी हुए। सत्ता के दबाव में पुलिस प्रशासन खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। खनन का खेल दिनभर मीडिया की सुर्खियों में रहने के बावजूद उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने अन्य दिनों की भांति सोमवार को भी अपना गोरखधंधा बदस्तूर जारी रखा।

दरअसल उत्तराखंड में आई आपदा के बाद जून में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। बाढ़ के पानी के साथ बड़ी मात्र में बालू भी आ गया था। जलस्तर घटने के बाद बालू खेतों में जमा रह गया। इसको निकालने के लिए अब खनन माफिया में होड़ लगी हुई है। जैसे ही बारिश बंद होती है, खनन माफिया बांध के किनारे के खेतों से बालू निकालने में लग जाते हैं। जिला प्रशासन खनन माफिया पर कोई लगाम नहीं लगा पा रहा है। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है। नियमानुसार 33 रुपये प्रति घन मीटर की रायल्टी जमा करने के बाद प्रशासन अनुमति प्रदान करता है।

अनुमति के बाद बालू का खनन किया जा सकता है। खनन माफिया नियमों की अनदेखी कर अपनी मनमर्जी से बालू चोरी कर रहे हैं।

सिर्फ एक के पास है अनुमति

जिला प्रशासन ने यमुना से बालू निकालने के लिए सिर्फ रायपुर गांव में एक व्यक्ति को अनुमति दे रखी है। बाकी जगहों पर अवैध खनन हो रहा है। यमुना के किनारे के लगभग सभी गांवों से बालू का अवैध खनन हो रहा है। प्रतिदिन करीब ढाई सौ डंपर, जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर ट्राली बालू निकालने में लगे रहते हैं।

सत्ता के दबाव में नहीं बनी सूची जिलाधिकारी रविकांत सिंह ने अप्रैल में अधीनस्थ आला अफसरों को खनन माफिया की सूची बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सूत्रों का कहना है कि एसडीएम दुर्गा नागपाल ने कई सफेदपोश नेताओं के नाम इस सूची में शामिल किए थे, लेकिन सत्ता के दबाव में सूची जारी नहीं हो सकी।

पूर्व में नियुक्त अधिकारियों पर हो चुका है हमला

कई बार खनन माफिया में आपस में भी गोली चल चुकी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खनन माफिया में भी खूनी खेल खेला जा चुका है। गत वर्ष तत्कालीन एसडीएम सदर व खनन निरीक्षक आशीष कुमार पर भी बालू का अवैध धंधा करने वालों ने हमला किया था।

No comments:

Post a Comment