Friday 26 April 2013

कोल घोटाले की जांच में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की हुई अनदेखी


नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता की जांच को लेकर सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा पेश किया। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने दो पन्नों के इस हलफनामे में माना है कि उन्होंने इस मुद्दे पर बनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करने से पहले पीएमओ, कानून मंत्री और कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव को दिखाई थी। लेकिन उन्होंने यह नहीं माना कि इसमें कोई बदलाव किया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर आज खूब हंगामा हुआ जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। भाजपा ने अपने हमले तेज करते हुए कहा है कि सीबीआई निदेशक के हलफनामे के बाद सरकार बेनकाब हो गई है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया है। देश जानना चाहता है कि कोयला घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है या सरकार कर रही है। भाजपा ने कहा कि जो जांच के घेरे में थे उन्हें ही जांच रिपोर्ट दिखाई गई।

सुप्रीम कोर्ट को पिछले महीने दी गई अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा था कि सरकार ने कंपनियों के वित्तीय और दूसरे रिकार्ड्स को सही तरीके से नहीं देखा था, जिस वजह से सरकार को इसके लाइसेंस बंटवारे में घाटा हुआ। सरकार की मुश्किलें इसलिए भी हैं, क्योंकि जिस समय का यह मामला है उस दौरान कोयला मंत्रालय का प्रभार खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था।

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