Tuesday 11 September 2012

शराब छोड़ने के लिए भी जरूरी है संगत

नई दिल्ली || रमेश (बदला हुआ नाम), जिनकी शराब की लत ने आज से सात साल पहले न सिर्फ खुशहाली छीन ली थी बल्कि उन्हें लिवर सिरोसिस जैसे गंभीर रोग का मरीज बना दिया था, आज न सिर्फ शराब से पूरी तरह छुटकारा पा चुके हैं बल्कि दूसरों को भी इससे निजात पाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। वह एक फार्मासिस्ट हैं और ‌आज अपने परिवार के साथ एक खुशहाल और सेहतमंद जिंदगी जी रहे हैं।

रमेश जैसे कई लोग जो कभी चाहकर भी शराब नहीं छोड़ पा रहे थे, आज खुद अपने प्रयासों से नशे से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। इसमें उनकी भूमिका के साथ-साथ 'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस' के अंतर्गत चलने वाले कई स्वयं सहायता समूहों का योगदान है।

यहां उन्हें एक ऐसा मंच मिलता है जिसपर वह शराब छोड़ने में आने वाली सारी अड़चनों, अपनी कोशिशों, अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर सकते हैं। साथ ही, अपनी लत के छूटने के बाद अपने ही जैसे दूसरे लोगों का हौसला बढ़ाते हैं।

क्या है 'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस'
रमेश जैसे कई लोग शराब की लत से छुटकारा पाने की चाह में 'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस' से जुड़े कई संगठनों में शामिल होते हैं और समूह में अपने अनुभव एक-दूसरे से बांटते हैं। अगर शराब छोड़ने की चाह किसी व्यक्ति में हो तो इस माध्यम से उसकी मुश्किलें काफी हद तक आसान हो सकती हैं।

ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस से जुड़े संगठन 'गोल्डन फूटवर्क्स' के एक कार्यकर्ता ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया, "इस तरह के समूहों से जुड़ने के पीछे हर व्यक्ति की अपनी-अपनी वजह होती हैं। कोई खुद हमसे संपर्क करता है कि वह अपनी शराब छोड़ना चाहता है पर छोड़ नहीं पाता।"

उन्होंने कहा, "कोई यहां आना नहीं चाहता पर उसके परिवार वाले हमसे संपर्क करते हैं और हम उसे अपने समूह में शामिल करने का हर संभव प्रयास करते हैं। कोई स्वास्थ्य के कारणों से शराब छोड़ना चाहता है तो कोई पारिवारिक व आर्थिक दायित्वों को पूरा न कर पाने की ग्लानि में छोड़ना चाहता है, पर छोड़ नहीं पाता।"

कैसे मदद करता है यह नेटवर्क
'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस' एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क या संस्था है जिससे देश-विदेश के कई स्वयं सेवी संगठन और स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि कई राज्यों में इस नेटवर्क के तहत स्थानीय स्तर पर कई समूह जुड़े हुए हैं। इन समूहों में शराब की समस्या से जूझ रहे लोग शामिल होते हैं।

समूह में लोग अपनी समस्याओं और उपायों को साझा तो करते हैं ही, साथ ही शराब छोड़ चुके लोग दूसरों को अपने अनुभवों से शराब छोड़ने की प्रेरणा भी देते हैं। इन समूहों में हर वह व्यक्त‌ि शामिल हो सकता है जो शराब छोड़ने का इच्छुक है।

'गोल्डन फूटवर्क्स' के कार्यकर्ता ने इसके कुछ नियमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें किसी भी व्यक्त‌ि का व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। यहां तक कि मीटिंग के दौरान भी शामिल लोगों का परिचय उनके पहले नाम से ही कराया जाता है।

परिवार के लिए भी होते हैं सेशन
कोई व्यक्ति कितनी भी शराब छोड़ने की कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन अगर उसे अपने परिवार का सहयोग पूरी तरह नहीं मिल पा रहा है तो सारे प्रयास निरर्थक हैं। यही वजह है कि 'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस' से जुड़े सहायता समूहों में परिवार की काउं‌सलिंग को भी तवज्जो दिया जाता है।

इसमें शुरुआती दौर में कुछ सेशन ऐसे कराए जाते हैं जिसमें रोगी अपने परिवार के साथ शामिल हो सकता है, इन्हें ओपेन सेशन कहते हैं। इसके अलावा केवल रोगियों के लिए 'क्लोज सेशन' किए जाते हैं, जिसमें केवल वही लोग शामिल हो सकते हैं जो शराब छोड़ने की जद्दोजहद में हैं।

इस बारे में 'गोल्डन फूटवर्क्स' के कार्यकर्ता बताते हैं, 'हम अपने ओपन सेशन में शराब छोड़ने के इच्छुक व्यक्ति के साथ परिवार को इसलिए जोड़ते हैं कि जिस तरह हमारे सेशन में आने से उस व्यक्ति की सोच बदल रही है, उसी तरह उसके परिवार को भी अपनी सोच में बदलाव करना चाह‌िए। कई बार ऐसा होता है कि शराबी तो अपनी कोशिशों से शराब छोड़ देता है लेकिन उसका परिवार उस पर विश्वास नहीं करता जिससे उपेक्षित होकर वह व्यक्ति वापस नशा शुरू कर देता है।'

वह यह भी बताते हैं कि कई बार शराबी यह मानने के लिए तैयार ही नहीं होता कि वह शराब की लत में है। ऐसे में उसके परिवार के लोग हमारे पास मदद के लिए आते हैं। तब हम परिवार के लोगों के सेशन लेते हैं और रोगी के घर जाकर उससे अपने अनुभव बांटते हैं।

सिर्फ '12 स्टेप्स' का कमाल
शराब 'ऐल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस' के सहायता समूहों की बैठकों में शराब छुड़ाने का प्रयास 12 स्टेप में किया जाता है जिन्हें आध्यात्म से जोड़ा गया है। कायकर्ता के अनुसार, '12 आध्यात्मिक चरणों से हम शराब की लत से जूझ रहे व्यक्ति को यह विश्वास दिलाते हैं ईश्वर इस काम में उनके साथ है। इससे व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और उसे यह एहसास कराया जाता है कि कोई भी लत उसके मनोबल से बढ़कर नहीं है।'

बैठक के इन चरणों में पहले उसकी समस्याओं को सुनकर उसे प्रोत्साहित किया जाता है, फिर चरणबद्ध तरीके से शराब छोड़ने के प्रयासों और उसकी उपलब्धियों की जानकारी ली जाती है, उसके आस-पास का वातावरण कैसा है इसके आधार पर उसे उन लोगों से बतचीत के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो इसमें उसकी मदद करते हैं और उन लोगों से दूर रखने की कोशिश की जाती है जो उसे कमजोर बनाते हैं। इसके अलावा, ध्यान और प्रार्थना द्वारा उसके जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रयास किया जाता है।

शराब छुड़ाने के लिए बैठकों में लोग जहां अपने अनुभव बांटते हैं, वहीं इसके लिए उन्हें कुछ किताबें भी पढ़ने के लिए दी जाती हैं जिनसे उनकी सोच बदल सके। इसमें किताबों के प्रकाशन के शुल्क और बैठक के दौरान चाय-पानी के शुल्क को छोड़कर उनसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

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