Sunday 10 June 2012

सरकारी बंगलाः कुछ सचिन से भी सीखिए 'नेता जी'

नई दिल्ली।। महान क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंडुलकर ने भले ही टैक्स अदा करने वाली जनता को ध्यान में रखते हुए सरकारी बंगला लेने से इनकार कर दिया हो, लेकिन ऐसे भी सांसद और मंत्री हैं जो इससे इत्तफाक नहीं रखते। देश के वित्त राज्यमंत्री का मामला लीजिए। बिशम्बरदास मार्ग पर उन्हें बंगला अलॉट किया गया था, लेकिन उस बंगले समेत कुछ बंगलों को तोड़कर सीपीडब्ल्यूडी ने सांसदों के लिए मल्टिस्टोरी फ्लैट बनाने की योजना तैयार की। मंत्री महोदय के लिए विकल्प के तौर पर नया बंगला बनाया गया और उन्हें सुपुर्द भी कर दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने कई महीने तक यह बंगला खाली नहीं किया, जिसकी वजह से निर्माण कार्य अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया। पिछले महीने मंत्री महोदय ने बंगला खाली किया तो सीपीडब्ल्यूडी ने राहत की सांस ली। कई नेताओं का निधन हो चुका है, बावजूद इसके उनके स्मारक के नाम पर बंगले पर कब्जा बना हुआ है। बंगलों को लेकर नेताओं में ही नहीं बल्कि ब्यूरोक्रेसी में भी खींचतान चलती रहती है। नेता और बंगला प्रेम - यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी नेता मायावती के दिल्ली में 4 सरकारी बंगले हैं - लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के 2 बंगलों पर विवाद सामने आया था। बाद में सरकार ने कहा कि एक बंगला सरकारी स्मारक बना दिया गया है। शबाना का बड़प्पन शबाना आजमी को भी बतौर राज्यसभा सांसद बंगला मिला था। अपने टर्म के आखिरी दिन आजमी बंगला खाली कर संसद सत्र में हिस्सा लेने गई थीं। उनका तर्क था कि जब वह सत्र से लौटेंगी तब सांसद नहीं रहेंगी। सांसदों के बंगले में सुविधाएं एरियाः 4000-7000 स्क्वेयर फुट बेडरूमः कम-से-कम 5 मेंटेंनसः 25 हजार से 30 हजार रुपये महीना फ्री (सालाना): 50 हजार यूनिट बिजली मुफ्त पानीः 40 हजार किलो लीटर फ्री लोकल कॉल्सः 50 हजार

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