Sunday, 24 March 2013

ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक करवाना हुआ महंगा!


ट्रेन में सफर करने वालों के लिए लगातार मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक करवाने वालों पर गाज गिर सकती है। एक अप्रैल से यात्रियों को सर्विस टैक्स भी देना होगा। भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) अब तक यह टैक्स चुका रहा था। परन्तु एक अप्रैल से यह टैक्स यात्रियों को देना होगा। स्लीपर श्रेणी के दस रुपए के सर्विस चार्ज पर 1.23 रुपए सर्विस टैक्स और एसी श्रेणी के 20 रुपए के सर्विस चार्ज पर 2.46 रुपए सर्विस टैक्स है। 

निगम अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2012 के मध्य में केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगाया गया था। इसके तहत आरक्षण काउंटर से बुक होने वाले टिकटों पर तो यात्रियों से सर्विस टैक्स वसूला जा रहा था, जबकि निगम ऑनलाइन टिकटों पर यह कर नहीं ले रहा था। इससे आईआरसीटीसी को ढाई करोड़ रुपये से अधिक अपनी जेब से देने पड़े हैं। निगम ने तय किया है कि अब ई-टिकट कराने वाले यात्रियों से सर्विस टैक्स वसूला जाएगा। यह टैक्स एक अप्रैल से जारी होने वाले टिकटों पर लगेगा।

Friday, 22 March 2013

आज सलमान-सैफ के खिलाफ तय होंगे आरोप


मुंबई।। यह महज संयोग है कि संजय दत्त को मुंबई ब्लास्ट केस में पांच साल की सजा होने के दो दिन बाद ही उनके बेहद करीबी दोस्त सलमान खान की किस्मत का फैसला भी कोर्ट में होगा। जोधपुर की एक अदालत में आज काले हिरन के शिकार के मामले में आरोप तय किए जाएंगे।

इस केस में सलमान खान के साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंदे और नीलम जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। फिल्म \'हम साथ साथ हैं\' की शूटिंग के दौरान काले हिरन के शिकार का इल्जाम है। अपने खिलाफ आरोप तय होने के दौरान इन सभी को कोर्ट में खुद मौजूद रहना होगा। हालांकि खबर है कि सलमान शनिवार को कोर्ट में मौजूद नहीं रहेंगे। वह इन दिनों अमेरिका में अपनी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए गए हुए हैं, ऐसे में उनके वकील कोर्ट में पेशी से छूट के लिए मेडिकल सटिर्फिकेट दाखिल कर सकते हैं।

इस बीच तब्बू, सोनाली बेंदे, सतीश शाह और नीलम के शुक्रवार को जोधपुर पहुंचने की खबर है। गौरतलब है कि सलमान पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 51 के तहत आरोप लगे हैं, जबकि अन्य के खिलाफ सेक्शन 52 और आईपीसी की धारा 149 के तहत आरोप हैं। इस मामले की पिछली सुनवाई फरवरी में हुई थी। तब भी सलमान शूटिंग में बिजी होने के कारण कोर्ट नहीं पहुंचे थे। तभी केस की अगली तारीख 23 मार्च तय की गई थी।

Thursday, 21 March 2013

दबाव के आगे झुका इटली, नौसैनिकों को भेजेगा भारत


भारत के कड़े दबाव के आगे आखिरकार इटली को अपने नौसैनिकों के मामले में झुकना पड़ा है। इटली सरकार ने भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दोनों नौसैनिकों को फिर भारत भेजने का फैसला किया है, जिसके बाद उन पर भारत में ही मुकदमा चलेगा।

नौसैनिक शुक्रवार को भारत पहुंच जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में वोट डालने इटली गए दोनों नौसैनिकों को लौटने के लिए 22 मार्च तक का ही वक्त दिया था।

मालूम हो कि इटली के नौसैनिकों को भेजने से इंकार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इतालवी राजदूत डेनियल मेनसिनी के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी थी। इस मुद्दे को लेकर भारत और इटली के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।

बहरहाल, मामला बिगड़ता देख अपने रुख में बदलाव करते हुए बृहस्पतिवार को इटली सरकार ने कहा कि भारत ने नौसैनिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने का भरोसा दिलाया है, जिसके बाद इन नौसैनिकों मैसीमिलियानो लातोरे और साल्वातोर गिरोने को वापस भेजने का फैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को ही कहा था कि इतालवी नौसैनिकों को भारत लाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने विश्वास तोड़ने पर इटली के राजदूत को तगड़ी फटकार लगाई थी।

नौसैनिकों के लौटने का वादा कर पलटने वाले मेनसिनी को शीर्ष अदालत ने यह भी बता दिया था कि उन्हें इस मामले में कोई राजनयिक कवच हासिल नहीं है।

गौरतलब है कि इटली के पोत एनरिक लेक्सी पर सवार दो नौसैनिकों ने गत वर्ष 15 फरवरी को केरल के तट के पास दो भारतीय मछुआरों को गोली मार दी थी।

क्या था मामला
मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में वोट डालने के लिए इटली जाने की इजाजत दी थी। लेकिन 11 मार्च को इटली ने भारत को बताया कि अब नौसैनिक नहीं लौटेंगे।

इससे नाराज सुप्रीम कोर्ट ने इटली के राजदूत के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी, जबकि केंद्र सरकार ने भी इटली के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती का फैसला किया था। इसके चलते इटली में नवनियुक्त राजदूत की रोम रवानगी टाल दी गई थी।

Wednesday, 20 March 2013

क्या फिर जेल जाएंगे संजय दत्त? आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट आज 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में फैसला देगी। इन विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे। करीब 713 लोग घायल हुए थे। टाडा कोर्ट ने इस मामले में 100 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से 12 को मौत और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अधिकतर लोगों ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

वहीं, सीबीआई ने 57 लोगों की सजा बढ़ाने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट संजय दत्त की अपील पर भी फैसला देगी। उनको अवैध हथियार रखने का दोषी करार दिया गया था। उन्हें इसके लिए छह साल जेल की सजा सुनाई गई थी।बॉलीवुड स्टार संजय दत्त को टाडा कोर्ट ने नवंबर 2006 में 9mm पिस्टल और एक AK 56 राइफल को अवैध रुप से रखने का दोषी ठहराया था. हालांकि अदालत ने संजय को आपराधिक साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया था. 
सुप्रीम कोर्ट, टाडा कोर्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले 100 से अधिक लोगों की अपील पर ये फैसला सुनाने वाला है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई नवंबर 2011 में शुरु किया था. शीर्ष अदालत ने इस मामले में अगस्त 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 713 लोग घायल हुए थे. धमाकों से उस समय करीब 27 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.

फैसला सुनाने में लग सकते हैं हफ़्तों :

इस मामले के 123 अभियुक्तों में से 94 जमानत पर हैं जिनमें संजय दत्त भी शामिल हैं. 29 अभियुक्त जेल में हैं. इसके अलावा 11 अभियुक्तों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई है. इन सब पर फ़ैसला सुनाने में हफ़्तों का वक़्त लग सकता हैं क्योंकि प्रत्येक अभियुक्त की इस पूरे मामले में भूमिका तय करनी होगी और फिर सज़ा सुनाई जाएगी.

मुख्य अभियुक्त आज तक नहीं हुआ गिरफ्तार :
मुंबई बम धमाके से जुड़े तीन अभियुक्त अबू सलेम, रियाज़ सिद्दीकी और मोहम्मद दौसा की सुनवाई को अलग कर दिया  गया है क्योंकि इनकी गिरफ़्तारी बहुत बाद में हुई थी. समाजवादी पार्टी के सांसद अबू आज़मी और अमज़द मेहर बख्श को जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया है वहीं एक अन्य अभियुक्त जमानत पर छूटने के बाद से फ़रार है.

इस पूरी घटना को कथित रुप से अंजाम देने वालों में शामिल दाऊद इब्राहिम, अनीश इब्राहिम और टाइगर मेमन कभी पकड़े ही नहीं जा सके. इसके अलावा मामले के 29 अभियुक्त अभी भी फ़रार बताए जाते हैं. आरोपपत्र के अनुसार सिलसिलेवार धमाकों के अलावा 12 मार्च को मुंबई के हिंदू बहुल इलाक़ों में हथगोले भी फेंके गए थे जिसके बाद हुए दंगों में कई और जानें गईं थीं.

इस मामले के मुख्य आरोपी की इंटरपोल को भी है तलाश :

मुख्य अभियुक्तों में शामिल दाऊद, अमरीका द्वारा जारी आतंकवादियों की सूची में है और इंटरपोल को भी उसकी तलाश है. बॉलीवुड सहित इस धमाके में मारे गए लोगों के परिवारों को आज होने वाले इस फ़ैसले का बेसब्री से इंतज़ार है.

Tuesday, 19 March 2013

डीएमके ने राष्ट्रपति को सौंपी समर्थन वापसी की चिट्ठी


श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर यूपीए के घटक दल द्रमुक ने मंगलवार को देर रात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को समर्थन वापसी की चिट्ठी सौंप दी। दिन में पार्टी प्रमुख करुणानिधि ने इसकी घोषणा की और देर रात पार्टी नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में चिट्ठी सौंपी।

डीएमके नेता टीआर बालू ने कहा कि बुधवार को सुबह 11 बजे उनकी पार्टी के मंत्री पीएम मनमोहन सिंह से मिल कर अपने इस्तीफे सौंप देंगे। यूपीए सरकार में द्रमुक के एक कैबिनेट समेत पांच मंत्री हैं।

डीएमके से नौ साल पुराना नाता टूटने के बाद यूपीए सरकार ‘नंबर गेम’ के सियासी संकट में घिर गई है। हालांकि हमेशा की तरह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सरकार की संकटमोचक बनीं और उन्होंने सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने की बात कही।

इसके बावजूद सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने रात को यह कह कर कांग्रेस को चौंका दिया कि उनकी पार्टी का संसदीय बोर्ड बैठक कर हालत पर विचार करेगा।

करुणानिधि के दांव से हिली सरकार ने दावा किया है कि यूपीए को बहुमत हासिल है।

केंद्र सरकार से द्रमुक का हटाना इसलिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि यूपीए में कांग्रेस के बाद द्रमुक के लोकसभा में सबसे ज्यादा 18 सांसद हैं।

द्रमुक के ऐलान के बाद यूपीए के पास अब 233 सांसद हैं, जबकि सपा, बसपा, राजद और जेडीएस के 50 सांसदों का बाहर से समर्थन मिल रहा है।

इस तरह सरकार के पास द्रमुक के अलावा बहुमत के लिए जरूरी 271 सांसदों की संख्या से कुछ अधिक सदस्य (233+50=283) हैं। सत्ताबल के लिए जरूरी आंकड़ों बावजूद द्रमुक के अलग होने से सरकार की राजनीतिक साख पर गहरे सवाल तो खड़ा हो ही गए हैं।

इससे पहले करुणानिधि ने चेन्नई में अपने मंत्रियों को हटाने का ऐलान करते हुए यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि उसने श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में पेश होने वाले प्रस्ताव को मजबूत करने के लिए द्रमुक के सुझाए संशोधनों पर विचार तक नहीं किया।

उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार में बने रहने का क्या मतलब जिसमें तमिल ईलम के लोगों को कोई फायदा नहीं मिले।

हालांकि करुणानिधि ने यूपीए में वापसी का रास्ता यह कहते हुए खुला रखा कि अगर सरकार 21 मार्च से पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पेश होने वाले अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में उनके सुझाए दो संशोधनों को शामिल करने के प्रस्ताव को पारित करती है तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

द्रमुक के फैसले से मचे हड़कंप के बावजूद संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार तमिल मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार सरकार ने द्रमुक को मनाने के लिए श्रीलंका में तमिलों की स्थिति पर प्रस्ताव के मसौदे पर काम करना शुरू कर दिया है।

यूपीए के रणनीतिकार इसके लिए विपक्ष को भी मनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं बैक चैनल डिप्लोमेसी के जरिए श्रीलंका पर अमेरिकी प्रस्ताव में मध्यमार्गी संशोधन की राह तलाशी जा रही है।

Monday, 18 March 2013

उत्तर प्रदेश्‍ा में हर साल होंगी 41 हजार भर्तियां


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस फोर्स की कमी को दूर करने के लिए हर साल 41 हजार भर्तियां करने के निर्देश द‌िए हैं।

इनमें 40 हजार से अधिक‌ सिपाही और लगभग डेढ़ हजार उपनिरीक्षकों की भर्ती होगी। यह प्रक्रिया चार सालों तक चलेगी।

प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को गृह विभाग के अधिकारियों व पुलिस के आला अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस फोर्स की कमी के बारे में जानकारी ली और चार सालों में सिलसिलेवार इसे दूर करने का भरोसा दिया।

अफसरों ने बताया कि मौजूदा समय में इंस्पेक्टर के 73 फीसदी, दारोगा के 57 फीसदी, हेड कांस्टेबल के 82 फीसदी और कांस्टेबल के 54 फीसदी पद खाली हैं।

चार सालों तक हर साल सिपाहियों के 40,459 पद और इस समय तक सेवानिवृत्त होने वाले सिपाहियों की संख्या को मिलाकर भर्ती की जानी है। चूंकि दारोगा के कुल 10,251 पद रिक्त हैं और इनमें 50 फीसदी पर नई भर्ती होनी है।

लिहाजा चार साल तक हर साल दरोगा के 1,518 पदों पर और उस समय तक सेवा निवृत्त होने वाले दारोगाओं के पदों पर भर्ती की जाएगी।

हेड कांस्टेबलों के पदों पर भी इन चार वर्षों के दौरान भर्ती की जाएगी। बैठक में बताया गया कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारियों को कहा गया है कि वे चार वर्षों के दौरान इस कमी को दूर करने की योजना तैयार कर लें।

कार्यशैली पर उठाए सवाल

बैठक में अखिलेश ने पुलिस विभाग को अपनी कार्यशैली सुधारने की सख्त हिदायत दी। सूचना मिलने पर भी अफसरों के मौके पर देर से पहुंचने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया।

उन्होंने अफसरों को चेताया कि सूचना मिलते ही तुरंत हरकत में आएं और घटनास्थल पर पहुंचें। साथ ही चौकियों और थानों में तैनात ऐसे पुलिसकर्मियों पर नजर रखने और कार्रवाई करने को भी कहा जिनकी छवि खराब है।

बयानबाजी पर जताई नाराजगी

आला अफसरों की मीडिया में बयानबाजी से हुई किरकिरी पर भी सीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना के बारे में मीडिया को तथ्यात्मक जानकारी दी जाए। अफवाह फैलाने वालों के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

संसाधन मुहैया कराए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि पुलिस विभाग को जरूरत के मुताबिक सभी संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। वाहनों, सीसीटीवी, आधुनिक कंट्रोल रूम, फोरेंसिक लैब, नॉन लीथल वीपन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

Sunday, 17 March 2013

मुसलमानों का हित पहले, सरकार बाद में: मुलायम


समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को कहा कि मुसलमानों का हित पहले है और सरकार बाद में। उन्होंने प्रदेश में आतंकवाद के आरोप में जेलों में बंद बेगुनाह मुसलमानों को जल्द रिहा करने की घोषणा की।

लखनऊ में जमीयत उलमा हिंद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों को अपना सच्चा हमदर्द बताया। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने में मुसलमानों ने जो सहयोग दिया, जिस तरह उन पर भरोसा जताया, उसे सपा की सरकार कभी भुला नहीं सकती।

प्रतापगढ़ में क्षेत्राधिकारी जिया उल हक की हत्या, प्रदेश में पिछले वर्ष हुए दंगों और जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना बुखारी के समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद मुलायम के इस बयान को अब तक हुए राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मुलायम सिंह यादव ने कहा, ' संसद हो, सड़क हो अथवा सरकार, सपा हमेशा अल्पसंख्यकों के हित की लड़ाई लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।'

मुलायम ने कहा कि मुसलमानों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिया था लेकिन उन्होंने अखिलेश को मुख्यमंत्री इसलिए बनवाया ताकि वह दिल्ली में रहकर अल्पसंख्यकों की आवाज उठा सकें।

हाल ही में मौलाना अहमद बुखारी द्वारा सपा सरकार की आलोचना किए जाने पर उन्होंने बुखारी का नाम लिए बगैर कहा कि मुसलमानों को प्रदेश सरकार की नीति व नीयत दोनों को देखना चाहिए।

प्रदेश सरकार में 11 मुसलमान मंत्री

मुलायम ने कहा कि प्रदेश सरकार में 11 मंत्री मुसलमान हैं। कई विधायक भी मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव भी मुसलमान हैं। ये सभी लोग मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'प्रदेश की जेलो में बंद निर्दोष मुसलमानों की रिहाई के मामले में सरकार अच्छे नतीजे निकलाने की कोशिश कर रही है। यह भी कोशिश हो रही है कि जहां अदालतों का सहारा लेने की जरूरत हो, वहां अदालतों की मदद ली जाए। इसके लिए डीजीपी व मुख्य सचिव विचार-विमर्श कर रहे हैं।'

राजा भैया की गिरफ्तारी की मांग

जमीयत के कार्यक्रम में राजा भैया की गिरफ्तारी की मांग में नारे भी लगे। कार्यक्रम में लोगों ने मुलायम के सामने क्षेत्राधिकारी जिला उल हक की हत्या के आरोपी राजा भैया की गिरफ्तारी की मांग की।

मुलायम ने कहा कि यह मामला इस मंच से उठाना ठीक नहीं हैं। यहां मजलूमों ओर बेकसूरों को इंसाफ मिलने की आवाज उठ रही है। एक मंच से दो आवाज उठाना ठीक नहीं है। सरकार पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है।

दंगा नियंत्रण कानून और आरक्षण

कार्यक्रम में जमीयत उलमा के संरक्षक असजद मदनी ने मुलायम को दंगा विरोधी कानून और मुसलमानों को 18 फीसदी आरक्षण का वादा भी याद दिलाया।

उन्होंने कहा कि संविधान में अब तक 117 संशोधन किए जा चुके हैं। इसलिए एक और संशोधन होना बहुत मुश्किल काम नहीं है।