Tuesday 27 August 2013

गिरफ्तारी के डर से ध्यान में चले गए आसाराम!

नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोपों से घिरे धार्मिक गुरू आसाराम बापू को समन देने के लिए जोधपुर पुलिस का दो सदस्यीय दल इंदौर स्थित आश्रम पहुंचा, लेकिन आसाराम ने समन लेने से मना कर दिया. जानकारी के मुताबिक, उनके आश्रम के अधिकारी ने समन लेने से मना कर दिया और कहा कि बापू ध्यान में चले गए हैं. भवरकुंआ पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जोधपुर पुलिस के दल में एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नोटिस बापू को अबतक थामाया नहीं जा सका है. आश्रम के लोगों का कहना है कि आसाराम बापू फिलहाल ध्यान में हैं. विदेश भागेंगे आसाराम? लुक आउट सर्कुलर होगा जारी उधर, इन सबके बावजूद आसाराम की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं. जोधपुर पुलिस आसाराम पर देश छोड़ने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए पुलिस आसाराम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि इस नोटिस में आसाराम बापू से कहा गया है कि वे नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन शोषण के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर हों. 30 अगस्त या उससे पहले उन्हें अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है. पुलिस पर उठने लगे सवाल आसाराम के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज हुए सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी तो दूर अभी तक पूछताछ के लिए समन थमाने का दौर ही चल रहा है. कभी पुलिस आसाराम से रेप की धारा हटाने की बात कहती है तो कभी इससे मुकरती है. अब पुलिस के टालमटोल रवैये से उस पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या वो आसाराम के प्रति नरम रवैया अपना रही है. आसाराम के खिलाफ नेता भी कूदे, आतंकी हाफिज सईद से तुलना वहीं दूसरी तरफ, राजनीतिक दल भी आसाराम के खिलाफ आ गए हैं और उनकी तुलना पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद से की जा रही है. सोमवार को जहां संसद में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने आसाराम के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग उठाई. वहीं, मंगलवार को उनकी ही पार्टी के सांसद अली अनवर ने आसाराम की तुलना हाफिज सईद से कर डाली. राजस्थान सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि “हिंदुस्तान की सरकार ऐसे आदमी पर कार्रवाई करने से डर रही है, जो अनाप-शनाप बोलता है. जिस पर नाबालिग से रेप करने का आरोप है. ऐसे लोगों पर आप हाथ नहीं लगा पा रहे हैं और हाफिज सईद के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं. ये तो वही हुआ ना, जो गति मोरि, वो गति तोरि”. एसपी ने भी आसाराम पर करारा प्रहार किया. पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'आसाराम कोई संत या महात्मा नहीं है, सिर्फ कथावाचक है. राजस्थान पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है ये समझ के बाहर है. पुलिस को कानून के तहत काम करना चाहिए.' इधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'चाहे वो आसाराम हो या फिर कोई और संत हो, महंत हो, राजनेता हो या फिर उद्योगपति. अगर इस प्रकार की घटना हुई है तो कानून सबके लिए एक समान है. पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.' इस मामले पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. गौर करने वाली बात ये भी है कि उमा भारती और उनकी ही पार्टी के कई अन्य नेता आसाराम का बचाव कर चुके हैं. सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने मंगलवार को फिर आसाराम पर हमला बोला. उन्होंने कहा, आसाराम ने जो किया वो शर्मनाक है. उन्हें तो फांसी होनी चाहिए

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