Tuesday 17 April 2012
दिल्ली: 15 साल में कांग्रेस की सबसे बड़ी हार, तीनों निगमों में भाजपा की बादशाहत
नई दिल्ली. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर इस बार भी बीजेपी काबिज होती दिख रही है। तीनों निगमों की 272 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक आए नतीजों के मुताबिक तीनों जोन में बीजेपी काफी आगे चल रही है और उसने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है। अविभाजित एमसीडी में बीजेपी के 164 पार्षद थे, जबकि कांग्रेस के 67 और बीएसपी के 17 पार्षद थे। बीजेपी ने इन चुनावों में दीक्षित सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को मुद्दा बनाया, जबकि कांग्रेस एमसीडी प्रशासन में भगवा पार्टी के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर चल रही थी। अब एमसीडी चुनाव में कांग्रेस की मौजूदा हालत को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। शीला दीक्षित लगातार तीन बार से दिल्ली की सीएम हैं। कांग्रेस को हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब, गोवा और यूपी में करारी हार का सामना करना पड़ा है। बीएमसी चुनाव में भी कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे कांग्रेस को चिंता में डालने वाले हैं क्योंकि 18 महीने के बाद दिल्ली विधानसभा जबकि 2014 में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी के दिल्ली प्रभारी वेंकैया नायडू ने चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बीजेपी को कमजोर करने के लिए एमसीडी को तीन हिस्सों में बांटा लेकिन उनका प्रयोग कामयाब नहीं हो सका। उन्होंने कहा, ‘यह तो अभी सेमीफाइनल है। फाइनल यानी दिल्ली विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को भारी जीत मिलेगी। एमसीडी चुनाव के परिणाम से साफ संकेत मिले हैं कि लोग कांग्रेस के खिलाफ हैं।’ बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि यह कांग्रेस के खिलाफ जनादेश है। महंगाई से जनता परेशान है इसलिए उसने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि इन चुनावों को स्थानीय चुनावों के तौर पर ही देखा जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने जनादेश का सम्मान किया। जल्द आएंगे नतीजे राजधानी के 32 केन्द्रों पर सुबह आठ बजे से मतगणना चल रही है। वोटों की गिनती के लिए राज्य चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों पर लगभग सात हजार कर्मचारियों को तैनात किया है। चुनाव के तहत 2423 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा। थोड़ी देर में पूरे नतीजे (सूची रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें) आ जाने की उम्मीद है। रविवार को हुए निगम चुनाव में 55 फीसदी मतदान हुआ था, जो कि वर्ष 2007 में हुए निगम चुनाव से 12 फीसदी ज्यादा है। पूर्वी नगर निगम में 57 फीसदी, जबकि उत्तरी नगर निगम में 55 फीसदी और दक्षिणी दिल्ली में महज 53 फीसदी वोटिंग हुई थी। सबसे ज्यादा (89 फीसदी) वोटिंग पूर्वी दिल्ली के वार्ड संख्या 248, वेलकम कॉलोनी में और सबसे कम (31 फीसदी) दक्षिणी दिल्ली के वार्ड संख्या 146, साध नगर में हुई। वार्ड संख्या 167, आरके पुरम में भी महज 36 फीसदी मतदान हुआ था। आरकेपुरम क्षेत्र में अधिकांशत: पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोग निवास करते हैं, इसके बावजूद यहां पर लोगों ने वोट डालने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। तीनों निगमों के जिन वार्डों में अधिक मतदान हुआ उनमें सामान्य और मध्यम वर्ग के साथ ही कम पढ़े-लिखे तबके के लोग निवास करते हैं।
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